डराता रहा गंगा का रौद्र रूप, खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा पानी

पर्वतीय क्षेत्रों में हुई बारिश से हरिद्वार में शनिवार को गंगा खतरे के निशान से ऊपर बहती रही। सुबह दस बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 294 से 294.40 मीटर था जबकि शाम चार बजे 294.10 मीटर हो गया था।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 07:01 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 07:01 PM (IST)
डराता रहा गंगा का रौद्र रूप, खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा पानी
डराता रहा गंगा का रौद्र रूप, खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा पानी

संवाद सहयोगी, हरिद्वार : पर्वतीय क्षेत्रों में हुई बारिश से हरिद्वार में शनिवार को गंगा खतरे के निशान से ऊपर बहती रही। सुबह दस बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 294 से 294.40 मीटर था, जबकि शाम चार बजे 294.10 मीटर हो गया था। गंगा का जलस्तर अधिक होने पर गंगनहर का संचालन बंद कर दिया गया। वहीं हरिद्वार तहसील की बाहरपीली गांव में पशु चराने गए दो युवकों को रेस्क्यू कर निकाला गया। लक्सर के जसपुर, अजीतपुर में बीस आमजन के टापू में फंस होने की सूचना पर एसडीआरएफ एवं जल पुलिस ने उन्हें सुरक्षित निकाला। इसी तरह रुड़की के डंडेरा गांव में बारिश का पानी भर गया, जिसकी निकासी कराई गई। शिवपुरी कंकरखाता में भी एसडीआरएफ एवं जल पुलिस ने 12 आमजन को रेस्क्यू किया।

मौसम विभाग ने शनिवार को भारी बारिश का पूर्वानुमान व चेतावनी जारी की थी। बारिश की वजह से गंगा और उसकी सहायक नदियां उफान पर पहुंच गई। खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के बाद गंगा की मुख्यधारा में विशालकाय पेड़ बहकर आ रहे थे। जिन्हें पकड़ने के लिए कई लोग अपनी जान की परवाह भी नहीं कर रहे थे। जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया था, कई बस्तियों को भी खाली करा लिया गया, जिससे जान माल का नुकसान ना हो। इधर, कुंभ मेले में बना आस्था पथ घाट, नमामि गंगे के घाट, कनखल श्मशान घाट, चंडीघाट श्मशान घाट से लेकर शहर में बने कई गंगा घाटों को गंगा ने अपने आगोश में ले लिया। जिला प्रशासन के अफसर भी आपदा प्रबंधन कंट्रोल रुम से गंगा के जलस्तर को लेकर जानकारी लेते रहे। बाढ़ चौकियों को भी सतर्क रहने के निर्देश दे दिए गए है। गंगनहर का संचालन बंद बंद होते ही आमजन सिक्के धातु ढूंढने उतर गए। उधर, हरकी पैड़ी समेत आस पास के गंगा घाटों पर भी जलस्तर कम होने से मछलियां तड़फती हुई दिखाई दी, जिन्हें पानी में पहुंचाने के लिए आमजन मशक्कत करते रहे। गंगनहर का संचालन बंद होने से शहर में जल भराव की स्थिति नहीं आई। बारिश के कारण आमजन भी जहां तहां फंसते रहे। बाहरपीली गांव में पशु चराने गए दो युवक लखन एवं प्रवीण को रेस्क्यू कर निकाला गया। वहीं लक्सर के जसपुर, अजीतपुर, रुड़की के डंडेरा गांव व शिवपुरी कंकरखाता में भी एसडीआरएफ एवं जल पुलिस ने रेस्क्यू किया। नदी के वेग को देखने के लिए शहरवासी चंडीघाट पुल, भीमगोडा बैराज से लेकर सप्तऋषि क्षेत्र व आसपास के इलाकों पहुंचते रहे। गंगा की मुख्यधारा का वेग देखकर एक बारगी हर कोई सहम गया।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतूरा ने बताया कि सुबह शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 294.10 मीटर हो गया था। देर शाम तक पानी का जलस्तर और कम होने की संभावना है। ------------

बारिश से जनजीवन हुआ प्रभावित

संवाद सहयोगी, हरिद्वार : गर्मी से राहत के साथ ही शहर के कुछ इलाकों के लिए शनिवार को हुई बारिश आफत साबित हुई। भगत सिंह चौक के पास रेलवे के पुल के नीचे एक साइड में पानी भरने से यातायात प्रभावित हुआ। कृष्णानगर कालोनी में निकासी बाधित होने से जलभराव हुआ। एमएनए जयभारत सिंह के मोबाइल फोन पर संपर्क साधा जाता रहा। लेकिन, उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इसके बाद सेनेट्री इंस्पेक्टर सुनीत कुमार को सूचना दी गई। निगम की टीम मौके पर पहुंची और समस्या का समाधान कराया। बारिश की वजह से शहर में विभिन्न मोहल्लों में सड़क, पाइपलाइन व केबल के लिए खोदी गई गलियों में गड्ढे होने से दोपहिया वाहन भी फंसते रहे। हालांकि कहीं से कोई अप्रिय सूचना नहीं मिली।

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