Ganga Dussehra 2021: गंगा दशहरा पर श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, रोक के बावजूद वैकल्पिक रास्तों से पहुंचे श्रद्धालु

Ganga Dussehra 2021 गंगा दशहरा सांकेतिक गंगा स्नान के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए हर की पैड़ी पहुंच रहे हैं। हालांकि बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को बॉर्डर पर ही रोका जा रहा है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 10:03 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 10:03 AM (IST)
Ganga Dussehra 2021: गंगा दशहरा पर श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, रोक के बावजूद वैकल्पिक रास्तों से पहुंचे श्रद्धालु
सांकेतिक स्नान के बावजूद बड़ी संख्या में हर की पैड़ी पहुंच रहे श्रद्धालु।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Ganga Dussehra 2021 गंगा दशहरा पर हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। रोक के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु शनिवार शाम को वैकल्पिक रास्तों से हरिद्वार पहुंच गए। पुलिस के साथ नोकझोंक के बाद उन्हें हरकी पैड़ी को छोड़ अन्य घाटों पर स्नान करने दिया गया। हालांकि दोपहर बाद श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पर भी स्नान किया। जिले की सीमा से भी बड़ी संख्या में वाहनों को लौटाया भी गया।

शनिवार को प्रशासन ने एलान किया था कि गंगा दशहरा पर स्नान सांकेतिक रहेगा। इसी को देखते हुए शनिवार को ही सीमाएं सील कर चेकिंग की जा रही थी। हरकी पैड़ी के आसपास बैरीकेडिंग भी की गई थी। बावजूद इसके शनिवार रात को बड़ी संख्या में श्रद्धालु मुख्य मार्ग के बजाय वैकल्पिक रास्तों से हरिद्वार पहुंच गए।

भोर होते ही बारिश के बीच श्रद्धालु हरकी पैड़ी क्षेत्र में पहुंचे और हरकी पैड़ी जाने की जिद करने लगे। इसे लेकर पुलिस और श्रद्धालुओं के बीच नोकझोंक भी हुई। इसके बाद श्रद्धालु सुभाष घाट, कुशावर्त घाट, गऊ घाट, विष्णु घाट, राम घाट, बिरला घाट समेत आसपास के गंगा घाट पहुंचे और स्नान किया।

ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट पर विशेष गंगा आरती

गंगा दशहरा पर ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट पर दोपहर 12 बजे विशेष गंगा आरती की गई। इसमें पांच पुरोहित और कुछ श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान कोरोना महामारी से मुक्ति की प्रार्थना भी की गई। इसके अलावा परमार्थ निकेतन आश्रम में परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती के सानिध्य में मां गंगा का पूजन और हवन का आयोजन किया गया। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि गंगा भारत की पहचान है। गंगा के बिना हम अधूरे हैं। उन्होंने आह्वान किया कि नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए समाज आगे आए।

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