हरिद्वार में निगेटिव रिपोर्ट पर खेला गया फर्जीवाड़े का पूरा खेल, जानिए क्‍या है पूरा मामला

कोरोना काल में अगर मोबाइल पर गलती से भी यह मैसेज मिले कि आपकी कोविड रिपोर्ट पाजिटिव आई है तो किसी के भी पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। कुंभ के दौरान कोरोना जांच करने वाली फर्म ने आमजन में फैले इस डर को भांपते हुए फर्जीवाड़े को अंजाम दिया।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:10 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 05:10 AM (IST)
हरिद्वार में निगेटिव रिपोर्ट पर खेला गया फर्जीवाड़े का पूरा खेल, जानिए क्‍या है पूरा मामला
आधार व मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल फर्जीवाड़ा में किया गया। पुलिस उस कंसल्टेंसी कंपनी का भी पता लगा रही है।

मेहताब आलम, हरिद्वार: कोरोना काल में अगर मोबाइल पर गलती से भी यह मैसेज मिले कि आपकी कोविड रिपोर्ट पाजिटिव आई है तो किसी के भी पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। कुंभ के दौरान कोरोना जांच करने वाली फर्म ने आमजन में फैले इस डर को भांपते हुए बड़ी होशियारी से फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। फर्म को मालूम था कि कोविड रिपोर्ट पाजिटिव आने का मैसेज मिलते ही लोग हड़बड़ाहट में अस्पतालों की तरफ दौड़ेंगे और फर्जीवाड़े की पोल खुल जाएगी। इसीलिए फर्जी टेस्टिंग की अधिकांश रिपोर्ट निगेटिव बनाई गई।

फर्जी टेस्टिंग में दूसरे राज्यों के व्यक्तियों के आधार व मोबाइल नंबरों का अधिक संख्या में प्रयोग किया गया है। वहीं, स्थानीय स्तर पर जिन व्यक्तियों की वास्तव में जांच हुई, बाद में उनके आधार और मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल भी फर्जीवाड़े में किया गया। कुंभ के दौरान जिले की सीमाओं समेत 50 से अधिक जगहों पर कोरोना सैंपल लिए गए। किसी भी जगह सैंपल लेने पर रिपोर्ट पॉजिटिव या निगेटिव आने की सूचना अगले या दूसरे दिन मैसेज के रूप में मोबाइल पर पहुंच गई। ऐसे व्यक्तियों की संख्या भी सैकड़ों में है, जिनके मोबाइल पर कुछ दिन बाद फिर से कोविड रिपोर्ट के मैसेज पहुंचे। पर, अधिकांश व्यक्तियों को चूंकि निगेटिव रिपोर्ट के मैसेज मिले, इसलिए किसी ने दिलचस्पी नहीं ली। कुछ व्यक्तियों को लगा कि गलती से दोबारा मैसेज भेज दिया गया है। इतना ही नहीं, कुंभ के बाद भी कुछ व्यक्तियों के मोबाइल पर ऐसे मैसेज आए हैं। फर्जीवाड़ा करने वाली फर्म को पता था कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर व्यक्ति खुद भी घबरा जाता है, फिर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी उसकी मॉनीटङ्क्षरग होने लगी है। इसलिए फर्म ने पकड़ में आने से बचने के लिए फर्जीवाड़े का पूरा खेल निगेटिव रिपोर्ट के आधार पर खेला गया। लेकिन, यही होशियारी फर्म के फंसने का एक कारण भी बनी। जिस समय हरिद्वार की सामान्य पाजिटिविटी दर 5.3 थी। उस दौरान फर्म ने पाजिटिविटी दर मात्र 0.18 दिखाई। स्वास्थ्य विभाग की प्रारंभिक जांच में आंकड़ों का यह झोल पकड़ में आया है।

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फर्जीवाड़े के लिए कंपनी से जुटाया डाटा

हरिद्वार: बताया जा रहा है कि फर्म ने फर्जीवाड़ा करने के लिए किसी प्राइवेट कंसल्टेंसी कंपनी की मदद भी ली है। फर्म ने कंपनी से दूसरे राज्यों के हजारों की संख्या में आधार व मोबाइल नंबर जुटाए। इन्हीं आधार व मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल फर्जीवाड़ा में किया गया। पुलिस उस कंसल्टेंसी कंपनी का भी पता लगा रही है।

जल्‍द ही बयान दर्ज करेगी पुलिस

हरिद्वार: फर्जीवाड़े के मुकदमे की जांच के लिए बहुत जल्द एसआइटी गठित हो जाएगी। फिलहाल शहर कोतवाली में दर्ज मुकदमे की जांच शहर कोतवाल राजेश साह कर रहे हैं। माना जा रहा है कि एसआइटी गठित होने पर शहर कोतवाल भी उसका हिस्सा होंगे। इस मामले में शहर कोतवाल राजेश साह ने बताया कि जल्द ही बतौर वादी सीएमओ डा. शंभू कुमार झा व अन्य व्यक्तियों के बयान दर्ज किए जाएंगे।

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