एक दिन में पचास प्रतिशत बच्चों को ही बुलाया जाएगा स्कूल

अब एक दिन में 50 प्रतिशत बचों को ही स्कूल बुलाया जाएगा। कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन को देखते हुए यह सतर्कता बरतनी शुरू की गई है। ताकि बचों के बीच शारीरिक दूरी बनी रहे। वहीं आनलाइन कक्षाएं भी जारी रखी जाएंगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 07:26 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 07:26 PM (IST)
एक दिन में पचास प्रतिशत बच्चों  को ही बुलाया जाएगा स्कूल
एक दिन में पचास प्रतिशत बच्चों को ही बुलाया जाएगा स्कूल

संवाद सहयोगी, रुड़की : अब एक दिन में 50 प्रतिशत बच्चों को ही स्कूल बुलाया जाएगा। कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन को देखते हुए यह सतर्कता बरतनी शुरू की गई है। ताकि बच्चों के बीच शारीरिक दूरी बनी रहे। वहीं आनलाइन कक्षाएं भी जारी रखी जाएंगी।

कोरोना संक्रमण कम होने के चलते सभी व्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही थी। स्कूलों में भी पहले की तरह से ही रौनक नजर आने लगी थी। लेकिन, कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन की दहशत को देखते हुए फिर से सतर्कता बढ़ा दी गई है। हालांकि अभी तक कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन का कोई भी मामला नहीं आया है। लेकिन, एहतियात के तौर पर यह व्यवस्था की जा रही है। सीबीएसई बोर्ड की सिटी कोर्डिनेटर एवं ग्रीनेव मार्डन सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रधानाचार्य माला चौहान ने बताया कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का कोई भी केस भारत में नहीं है। लेकिन, इसके खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। इसी के चलते स्कूल के सभी बच्चों को एक साथ न बुलाकर केवल 50 प्रतिशत बच्चों को बुलाया जा रहा है। ताकि बच्चों में शारीरिक दूरी का पालन कराया जा सके। बच्चों और शिक्षकों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया है।

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टीकाकरण पर जोर, बाहर से आने वालों पर निगरानी

रुड़की : कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को स्वास्थ्य विभाग ने और तेज कर दिया है। वैक्सीन की दूसरी डोज का लक्ष्य जल्द से जल्द पूरा कराया जा रहा है। ताकि यदि कोरोना का नया वैरियंट आता भी है तो उससे लोग सुरक्षित रह सके। वहीं बाहर से आने वालों पर भी निगरानी बढ़ा दी है। सेशन साइट इंचार्ज रामकेश गुप्ता ने बताया कि वैक्सीनेशन की प्रथम डोज का लक्ष्य लगभग पूरा हो चुका है। दूसरी डोज भी 70 प्रतिशत को लग चुकी है। 30 प्रतिशत लोग अभी दूसरी डोज नहीं लगवा पाए हैं। उनको भी यह डोज लगाई जाएगी। इसके लिए 20 टीम घर-घर जा रही हैं। वहीं शहर के में आठ वैक्सीनेशन सेंटर भी संचालित हैं। जिनको दूसरी डोज नहीं लगी है। उनको फोन दूसरी डोज लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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