कृष्णानगर में बनेगा फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट, हुआ सर्वे
शहर को स्वछ और प्रदूषण से मुक्त करने के लिए फीकल स्लज ट्रीटमेट प्लांट (मलयुक्त गाद प्रबंधन) लगाया जाएगा। इसको लेकर शुक्रवार को शहरी विकास विभाग की टीम ने कृष्णानगर में सर्वे किया। टीम जल्द ही प्लांट के लिए डीपीआर तैयार कराकर निदेशालय को भेजेगी।
संवाद सहयोगी, रुड़की: शहर को स्वच्छ और प्रदूषण से मुक्त करने के लिए फीकल स्लज ट्रीटमेट प्लांट (मलयुक्त गाद प्रबंधन) लगाया जाएगा। इसको लेकर शुक्रवार को शहरी विकास विभाग की टीम ने कृष्णानगर में सर्वे किया। टीम जल्द ही प्लांट के लिए डीपीआर तैयार कराकर निदेशालय को भेजेगी। इसके बाद जल्द प्लांट का काम शुरू होने की उम्मीद है। यह प्लांट 155 केएलडी क्षमता वाला होगा।
कृष्णा नगर व आसपास के क्षेत्र में सीवर लाइन को लेकर स्थिति ठीक नहीं है। लेवल ठीक न होने के चलते इस क्षेत्र में फिलहाल सीवर लाइन डालना मुश्किल है। इसी के चलते इस क्षेत्र में फीकल सल्ज ट्रीटमेट प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित है। शुक्रवार को शहरी विकास विभाग के रुड़की क्षेत्र के जेई अनूप कुमार राठौर के नेतृत्व में एक टीम ने कृष्णानगर के पार्षद प्रतिनिधि संजय कश्यप के साथ क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान के तहत लगने वाले प्लांट के लिए प्रस्ताव भूमि को भी देखा। जेई अनूप राठौर ने बताया कि इस प्लांट के जरिये सेप्टिक टैंक के गाद से जैविक खाद बनाई जाएगी। अभी तक सेप्टिक टैंक के गाद को टैंकों में भरकर खुले में सड़क के किनारे गिरा दिया जाता है, जिससे जहां बड़े पैमाने पर पर्यावरण प्रदूषित होता है। वहीं इस गाद से तमाम बीमारियां फैलती है। निरीक्षण के दौरान अवर अभियंता मिथिलेश कुमार, अवर अभियंता हेमचंद्र भदानी आदि मौजूद रहे।
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फीकल स्लज प्लांट का यह होगा लाभ
रुड़की : सेप्टिक टैंक से जो गाद निकालकर लाई जाएगी। वह इस प्लांट में डाली जाएगी। प्लांट में इसका ट्रीटमेंट होगा। इससे बनने वाली गैस को प्लांट चलाने के लिए ईंधन के रूप में उपयोग किया जाएगा। बड़े पैमाने पर गैस बनने पर भविष्य में इसको रसोई गैस के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा इससे बनने वाली जैविक खाद किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी। अन्य रासायनिक खादों की अपेक्षा यह जैविक खाद 20 गुना ज्यादा गुणकारी होगी।