इकबालपुर चीनी मिल के गोदामों पर तालाबंदी करेंगे किसान

इकबालपुर चीनी मिल के बकाया गन्ने का भुगतान न करने से किसानों में आक्रोश है। किसानों ने 13 दिसंबर को इकबालपुर चीनी मिल के गोदाम पर तालाबंदी करने का एलान किया है। साथ ही चेतावनी दी कि यदि अब हीलाहवाली की गई तो किसान मुंहतोड़ जवाब देंगे। नए सत्र का भुगतान भी तत्काल शुरू किया जाना चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 06:16 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 06:16 PM (IST)
इकबालपुर चीनी मिल के गोदामों पर तालाबंदी करेंगे किसान
इकबालपुर चीनी मिल के गोदामों पर तालाबंदी करेंगे किसान

जागरण संवाददाता, रुड़की : इकबालपुर चीनी मिल के बकाया गन्ने का भुगतान न करने से किसानों में आक्रोश है। किसानों ने 13 दिसंबर को इकबालपुर चीनी मिल के गोदाम पर तालाबंदी करने का एलान किया है। साथ ही चेतावनी दी कि यदि अब हीलाहवाली की गई तो किसान मुंहतोड़ जवाब देंगे। नए सत्र का भुगतान भी तत्काल शुरू किया जाना चाहिए।

मंगलवार को इकबालपुर क्षेत्र से लौटकर आए भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पदम सिंह रोड ने प्रशासनिक भवन परिसर में पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि इकबालपुर क्षेत्र के किसानों का चीनी मिल पर चार साल पुराना भुगतान बकाया है। 180 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान को लेकर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन, मिल प्रबंधन की नीयत किसानों का भुगतान देने की नहीं है। पूरे मामले को कानूनी दावंपेंच में उलझा दिया है। उन्होंने कहा कि यदि चीनी मिल ने जल्द किसानों का भुगतान नहीं किया तो अब 13 दिसंबर को किसान इकबालपुर चीनी मिल के गोदाम पर तालाबंदी करेंगे और मिल प्रबंधन को बंधक बनाएंगे। जिला उपाध्यक्ष मुबारिक अली ने कहा कि इकबालपुर के किसानों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। दो सत्र का उनके गन्ने का भुगतान नहीं हो सका है। बैंकों का कर्ज किसानों पर बढ़ता ही जा रहा है, वहीं शासन-प्रशासन बकाया भुगतान को लेकर मात्र आश्वासन दे रहा है। लेकिन, तीन साल से किसानों का भुगतान नहीं हो पाया है। इसलिए अब किसान चीनी मिल के खिलाफ आरपार की लड़ाई लडेंगे। इस मौके पर जिलाध्यक्ष नाजिम अली, कारी शहजाद, छोटा, रामदास, सोनू, फरमान, फारूख और आरिफ आदि मौजूद रहे।

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विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

रुड़की : झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बताया कि इकबालपुर चीनी मिल पर किसानों का करोड़ रुपये बकाया है। इसकी वजह से किसानों में आक्रोश लगातार बढ़ रहा है। चीनी मिल प्रबंधन के खिलाफ तहरीर भी दी गई थी। लेकिन, उस पर मुकदमा दर्ज नहीं हो सका था। विधायक ने कहा कि जब तक चीनी मिल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती है, तब तक चीनी मिल भुगतान नहीं करेगी। उत्तरप्रदेश में शासन के निर्देश पर कई मिलों पर कार्रवाई हुई तो वहां के किसानों का गन्ने का भुगतान मिल गया।

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गन्ना मंत्री की चेतावनी बेअसर, नहीं हो रही नियमित तोल

- किसान हर दिन कर रहे शिकायत, गन्ना विभाग भी नहीं कर पा रहा कार्रवाई

- गन्ने की कटाई कर किसानों को करनी है गेहूं की बुआई जागरण संवाददाता, रुड़की : चीनी मिलों के तोल केंद्रों पर नियमित रूप से तोल नहीं हो पा रही है। जिस कारण किसान परेशान है। वहीं गन्ने की पर्चियां भी बेहद धीमी गति से आ रही है।

करीब एक माह पहले चीनी मिलों ने अपने पेराई सत्र की शुरुआत कर दी थी। किसानों को उम्मीद जगी थी कि इस बार चीनी मिल जल्द चालू होने से वह गन्ने की कटाई कर गेहूं की बुआई कर सकेंगे। लेकिन, चीनी मिलों की व्यवस्था शुरुआत में ही गड़बड़ा गई है। गन्ना खरीद केंद्रों से गन्ने का उठान ही समय से नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से किसान परेशान हैं। किसान राजबीर सिंह, सुरेन्द्र सैनी, ऋषिपाल सिंह आदि ने बताया कि सप्ताह में दो या तीन दिन ही क्रय केंद्रों पर तोल हो पा रही है। गन्ने का उठान ना होने की वजह से ऐसा हो रहा है। स्थिति यह है कि छोटे किसानों की दो से तीन गन्ना पर्चियां ही आई है। ऐसे में किसान कैसे गन्ने की कटाई कर गेहूं की बुआई कर सकता है। यह स्थिति तब है जब गन्ना मंत्री की ओर से निर्देश दिए जा चुके हैं। इस संबंध में गन्ना आयुक्त हंसादत्त पांडे ने कहा कि चीनी मिल प्रबंधकों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। चीनी मिलों को नियमित रूप से तोल करनी होगी।

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