कृषि कानून के खिलाफ गरजे किसान, हाईवे किया जाम

केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ शुक्रवार को किसान संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 04:41 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 04:41 PM (IST)
कृषि कानून के खिलाफ गरजे किसान, हाईवे किया जाम
कृषि कानून के खिलाफ गरजे किसान, हाईवे किया जाम

जागरण संवाददाता, रुड़की/मंगलौर: केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ शुक्रवार को किसान संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साए किसानों ने कहीं जाम लगाया तो कहीं सरकार का पुतला फूंका। किसानों को राजमार्ग पर आने के लिए पुलिस की ओर से बैरिकेडिग की गई थी। इसे लेकर किसानों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। शाम तीन बजे के बाद सभी जगह किसानों के आंदोलन समाप्त हो गए।

उत्तराखंड किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान प्रशासनिक भवन परिसर में एकत्र हुए। राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड ने कहा कि सरकार पूरी तरह किसान विरोधी है। यदि सरकार किसानों की हितैषी है तो यह बात भी लिखकर दे कि कोई भी सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से कम पर किसान के उत्पाद नहीं खरीदेगा। यहां से नारेबाजी करते हुए किसान सिविल लाइंस, बोट क्लब होते हुए राजमार्ग पर पहुंचे। यहां वो तहसीलदार कार्यालय के बाहर धरना देकर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के पुतले को भी आग के हवाले किया। इस मौके पर सरदार जसबीर सिंह, अमृतपाल सिंह, जिलाध्यक्ष महकार सिंह, भूपेंद्र सिंह, आजम, जाबिर, नरेश लौहान, परीक्षित कुमार, पप्पू भाटिया, चांदवीर मलिक आदि मौजूद रहे।

वहीं राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पद्म सिंह भाटी के नेतृत्व में किसानों ने एसडीएम चौक पर हाईवे पर सांकेतिक जाम लगाया। साथ ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। इस मौके पर अनिल कुमार, यासीन अहमद, रिजवान अहमद, भूरा आदि मौजूद रहे। भाकियू अंबावत गुट के प्रदेश अध्यक्ष विकास सैनी के नेतृत्व में रुड़की के रामपुर मंडी पर प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार का पुतला आग के हवाले कर दिया। मंगलौर गुड़ मंडी पर सुबह से ही बड़ी संख्या में भाकियू टिकैत के बैनर तले बड़ी संख्या में किसान पहुंच गए। यहां किसानों ने पहले तो पंचायत की। इसके बाद राजमार्ग पर ट्रैक्टरों को आड़ा-तिरछा खड़ाकर तीन घंटे तक राजमार्ग को जाम रखा। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार पूरी तरह किसान विरोधी है। इस मौके पर गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी, रवि कुमार, जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री, ओमप्रकाश, कुलदीप सैनी, चमनलाल शर्मा, राकेश लौहान आदि मौजूद रहे। इसी बीच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल और सीओ मंगलौर अभय प्रताप सिंह किसानों के बीच पहुंचे। किसानों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन देने के बाद जाम खोल दिया। मंगलौर में कई बार किसानों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी होती रही।

जाम से उठानी पड़ी परेशानी

रुड़की: किसानों की ओर से जगह-जगह जाम के चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस को भी बार-बार रूट डायवर्ट करना पड़ा। ट्रक और कई बसें जाम में फंसी रही। हालांकि छोटे वाहनों को तो पुलिस ने दूसरे रास्तों से निकाल दिया।

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जीप, बाइक पर सवार होकर पहुंचे किसान

मंगलौर: मंगलौर मंडी में किसानों के धरने पर कुछ युवा किसान तो कुछ फिल्मी स्टाइल में पहुंचे। आगे खुली जीप और पीछे मोटरसाइकिलों का रेला। वहीं कांग्रेस के नेताओं ने भी किसानों के धरने पर पहुंचकर अपनी बात कही।

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जब नेताजी से उतारी झंडी

रुड़की: जिस समय तहसील पर किसान प्रदर्शन कर रहे थे तभी वहां से भाजपा के एक नेता गुजर रहे थे। भीड़ ने उनको देखकर नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर भाजपा नेता के चालक ने गाड़ी को पीछे कर लिया। इसके बाद गाड़ी पर लगी पार्टी की झंडी उतारकर वह मंगलौर की ओर रवाना हो गए।

किसानों की प्रमुख मांगें

- केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए तीनों कृषि कानून निरस्त किए जाए।

- किसानों को कर्जदारी से मुक्ति के लिए सरकार करें ठोस उपाय, ब्याजमुक्त हो ऋण।

- लाभकारी मूल्य बने किसान का कानूनी अधिकार, न्यूनतम समर्थन मूल्य गांरटी कानून हो पास।

- वर्ष 2020 में किसानों के सभी बिजली बिल वापस लिए जाएं।

- इस साल बर्बाद हुई किसानों की फसलों का तत्काल मिले मुआवजा।

- डीजल के दाम में तत्काल हो 60 फीसद की कमी।

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