गन्ना आयुक्त के हटने से किसानों में आक्रोश

जागरण संवाददाता, रुड़की: पीसीएस अफसर ललित मोहन रयाल से गन्ना आयुक्त की जिम्मेवारी वापस लेने स

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 03:01 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 03:01 AM (IST)
गन्ना आयुक्त के हटने से किसानों में आक्रोश
गन्ना आयुक्त के हटने से किसानों में आक्रोश

जागरण संवाददाता, रुड़की: पीसीएस अफसर ललित मोहन रयाल से गन्ना आयुक्त की जिम्मेवारी वापस लेने से किसान संगठनों में खासा आक्रोश है। किसानों का आरोप है कि चीनी मिल की एक लॉबी के दबाव में गन्ना आयुक्त को हटाया गया है। सात माह के कार्यकाल में गन्ना आयुक्त रयाल पर्चियों के वितरण में धांधली और बाहरी गन्ने की खरीद पर रोक लगाने में कामयाब रहे। इतना ही नहीं विभागीय अधिकारियों पर भी नकेल सकी। अभी भी करीब नौ अधिकारियों के खिलाफ जांच अंतिम दौर में हैं।

गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल को बुधवार देर शाम शासन ने गन्ना एवं चीनी आयुक्त के पद से हटा दिया था। किसानों का आरोप है कि कड़े फैसले लेने के चलते गन्ना आयुक्त चीनी मिलों की एक लॉबी की आंख में किरकिरी बने हुए थे। हरिद्वार जिले में गन्ना माफिया की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। पिछले साल दूसरे प्रदेशों से चीनी मिलों ने बड़ी मात्रा में नगद गन्ना खरीदा और स्थानीय किसानों का भुगतान नहीं किया। इतना ही नहीं गन्ना पर्चियों के वितरण में भी बड़े पैमाने पर धांधली हुई। क्रय केंद्रों पर घटतोली होती रही। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा। इस बार पेराई सत्र की शुरुआत होने के साथ ही गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने सबसे पहले तो गन्ने की पर्चियों की स्थिति में सुधार किया। जिसका असर यह रहा कि छोटे किसानों तक भी गन्ने की पर्चियां पहुंच गई। इतना ही नहीं गन्ना आयुक्त ने घटतोली पर भी शिकंजा कसा। जिसका परिणाम यह रहा कि 19 दिसंबर को घटतोली करने पर लिब्बरहेड़ी चीनी मिल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। इसके अलावा इस साल बाहर से गन्ना खरीदकर चीनी मिलों में गन्ने की आपूर्ति करने वाले माफिया भी बार्डर पार नहीं कर पाए। गन्ना आयुक्त के तबादले के बाद से किसानों में भी आक्रोश है। उत्तराखंड किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड ने आरोप लगाया कि चीनी मिल के दबाव में गन्ना आयुक्त को हटाया गया है। चीनी मिल, गन्ना विभाग और कुछ माफिया को ईमानदार गन्ना आयुक्त रास नहीं आया। सरकार पर दबाव बनाकर उनको हटवा दिया।

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इनसेट

जाते-जाते लिब्बरहेड़ी चीनी मिल पर कर गए कार्रवाई

रुड़की: किसानों को गन्ने का भुगतान न करने पर गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने पहले तो चीनी मिल को नोटिस दिया था। इसके बाद चीनी मिल की आरसी काट दी गई। गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय में आरसी पहुंच गई है। गन्ना आयुक्त की ओर से लिखा गया है कि चीनी मिल पर किसानों का 94 करोड़ रुपये का बकाया है। जिला प्रशासन अन्य राजस्व वसूली की भांति इसको भी वसूल करते हुए यह धनराशि उपलब्ध कराए ताकि गन्ना किसानों का भुगतान हो सके।

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'तबादला एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन सात माह के दौरान गन्ना माफिया पर पूरी तरह से अंकुश लगाई गई। छोटे किसान के पास भी गन्ने की पर्चियां पहुंची हैं। साथ ही भुगतान के लिए भी चीनी मिलों पर दबाव बनाया गया। लिब्बरहेड़ी चीनी मिल लगातार निर्देशों की अवहेलना करती रही। इसलिए नियमानुसार कार्रवाई की गई है। घटतोली पर भी सीधे मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। घटतोली पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।- ललित मोहन रयाल, पूर्व गन्ना आयुक्त

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