किसानों को बेचा नकली कीटनाशक, गन्ना आयुक्त ने बैठाई जांच Haridwar News

एक गन्ना पर्यवेक्षक ने घाड़ क्षेत्र के किसानों को नकली कीटनाशक बेच दिया। मामले की शिकायत होने पर गन्ना आयुक्त ने जांच बैठा दी है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 11:24 AM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 11:24 AM (IST)
किसानों को बेचा नकली कीटनाशक, गन्ना आयुक्त ने बैठाई जांच Haridwar News
किसानों को बेचा नकली कीटनाशक, गन्ना आयुक्त ने बैठाई जांच Haridwar News

रुड़की, जेएनएन। एक गन्ना पर्यवेक्षक ने घाड़ क्षेत्र के किसानों को नकली कीटनाशक बेच दिया। मामले की शिकायत होने पर गन्ना आयुक्त ने जांच बैठा दी है। साक्ष्य जुटाने के निर्देश दिए। साथ ही, संयुक्त गन्ना एवं चीनी आयुक्त को उसे निलंबित कर मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए। 

गन्ना विभाग की ओर से किसानों को अनुदान पर कीटनाशक उपलब्ध कराया जा रहा है। इस समय गन्ने में सबसे अधिक कीटनाशक का स्प्रे किया जा रहा है। इसी बीच एक गन्ना पर्यवेक्षक ने नकली कीटनाशक के पैकेट लेकर किसानों को बेच दिए। घाड़ क्षेत्र के डालूवाला, माच्छहेड़ी आदि गांव में कीटनाशक बेचे गए हैं। 

इस बात की शिकायत भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष विकास सैनी ने डीएम एवं गन्ना आयुक्त से की। इस पर गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने संयुक्त गन्ना एवं चीनी आयुक्त को संबंधित गन्ना पर्यवेक्षक को निलंबित कर मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए।  

उन्होंने सहायक गन्ना आयुक्त को मामले की जांच कर साक्ष्य जुटाने को कहा। सहायक गन्ना आयुक्त शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि इस मामले में इकबालपुर के ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर दी गई है। टीम ने गांव में पहुंचकर साक्ष्य जुटा लिए है। जल्द ही इस मामले की रिपोर्ट संयुक्त गन्ना एवं चीनी आयुक्त को भेज दी जाएगी। इस कार्रवाई के बाद से गन्ना विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। 

गेहूं खरीद केंद्रों से भुगतान न मिलने पर किसान परेशान

सरकार की ओर से खोले गए गेहूं खरीद केंद्रों से किसानों का भुगतान न होने पर किसानों में आक्रोश है। किसानों ने इस संबंध में डीएम से शिकायत की है। झबरेड़ा क्षेत्र के कपिल कुमार, धीर सिंह, संजय और बिजेंद्र ने जिलाधिकारी से की गई शिकायत में बताया कि पिछले माह उन्होंने सहकारी समितियों पर गेहूं की फसल बेची थी। 

तब उनको बताया गया था कि उनका भुगतान जल्द आ जाएगा। अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारी जल्द भुगतान देने की बात कर रहे हैं। इसके लिए कभी उनका खाता नंबर तो कभी आधार कार्ड मांगा जा रहा है। इसके बावजूद भुगतान नहीं किया जा रहा है। गेहूं का भुगतान पाने के लिए वह बार-बार चक्कर काट रहे हैं। 

इस संबंध में सहायक निबंधक सहकारिता मान सिंह सैनी ने बताया कि चार करोड़ रुपये में से सवा दो करोड़ का भुगतान मिल चुका है। भुगतान को किसानों के खाते में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शेष धनराशि भी जल्द मिल जाएगी।

किसानों के कर्ज माफ करने की मांग की

किसान कांग्रेस के पदाधिकारियों ने उप जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर किसानों का कर्ज माफ करने और तत्काल गन्ना भुगतान दिलाने की मांग की है। किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुशील राठी के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारी लक्सर तहसील पहुंचे और उप जिलाधिकारी के माध्यम से आठ मांगों को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया।

ज्ञापन में किसानों के कर्ज माफ किए जाने, बारिश व ओलावृष्टि से नष्ट फसलों का पूरा मुआवजा दिलाने, बकाया गन्ना भुगतान दिलाने, डीजल पर सब्सिडी देने, किसानों के बिजली-पानी के बिल माफ करने और कीटनाशकों आदि पर अधिक सब्सिडी देने की मांग की गई। 

प्रदेश अध्यक्ष सुशील राठी व प्रदेश उपाध्यक्ष शादाब अली ने कहा कि संगठन किसानों के साथ खड़ा है। किसानों का शोषण नहीं होने दिया जाएगा। इस दौरान सनव्वर अली, मनोज चौधरी, लाखन ङ्क्षसह, शमशाद सदर, तबरेज आलम आदि मौजूद रहे।

किसानों को कोरोना वॉरियर्स घोषित करे राज्य सरकार

उत्तराखंड प्रदेश किसान कांग्रेस कमेटी ने कोरोना आपदा में अन्न उगाने के लिए लगे किसानों को कोरोना वॉरियर्स घोषित करने की मांग सरकार से की है। कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भी सिटी मजिस्ट्रेट को दिया। 

ज्ञापन में कहा गया कि किसान अभी भी खेती कर रहे हैं। कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किसान अहम भूमिका निभा रहे हैं। किसानों को कोरोना योद्धा घोषित कर उन्हें सम्मान दिया जाए। किसानों को आपदा में नष्ट हुई फसलों का मुआवजा दिया जाए। 

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किसान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महामंत्री राहुल चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों से वादा किया था, उनकी फसलों के दाम दोगुना कराए जाएंगे, लेकिन आज हालत यह है कि किसानों को लागत के भी पैसे नहीं मिल रहे हैं। ज्ञापन देने वालों में संसार सिंह, उमेश शर्मा, अमन कुमार, डा. प्रदीप शर्मा, श्याम सुंदर, मोनू आदि मौजूद रहे।

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