Haridwar Kumbh Mela 2021: बैरागी कैंप क्षेत्र में जल्द सुविधाएं होंगी उपलब्ध

Haridwar Kumbh Mela 2021 बैरागी कैंप क्षेत्र में जल्द ही कुंभ मेला अधिष्ठान सुविधाएं उपलब्ध कराना शुरू कर देगा। बुधवार को मेलाधिकारी दीपक रावत ने बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री पंचनिर्मोही अणि अखाड़े पहुंचकर कुंभ की तैयारियों के दृष्टिगत स्थलीय निरीक्षण किया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 09:17 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 09:17 AM (IST)
Haridwar Kumbh Mela 2021: बैरागी कैंप क्षेत्र में जल्द सुविधाएं होंगी उपलब्ध
बैरागी अखाड़ों के संतों के साथ बैरागी कैंप का निरीक्षण करते मेला अधिकारी दीपक रावत।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 बैरागी कैंप क्षेत्र में जल्द ही कुंभ मेला अधिष्ठान सुविधाएं उपलब्ध कराना शुरू कर देगा। बुधवार को मेलाधिकारी दीपक रावत ने बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री पंचनिर्मोही अणि अखाड़े पहुंचकर कुंभ की तैयारियों के दृष्टिगत स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने अखाड़ों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा अवैध कब्जे हटाने के निर्देश दिए। इस दौरान अखाड़े के बाबा हठयोगी ने मेलाधिकारी को बताया कि वर्ष 2010 में महाकुंभ के दौरान यह पूरा क्षेत्र घाट बना था। इसमें छह बाग हैं, जिसमें टेंट लगते हैं।

निरीक्षण के दौरान मेलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यहां वर्ष 2010 कुंभ की तरह समतलीकरण किया जाए। साथ ही तेरह भाई त्यागी अखाड़े के समीप अतिक्रमण हटाने और बिजली के अवैध कनेक्शन पर मुकदमा दर्ज कराने के आदेश विद्युत विभाग के अधिकारियों दिए। बाबा हठयोगी ने कहा कि मेला प्रशासन बिजली, पानी, शौचालय आदि की व्यवस्था करे बाकी अन्य व्यवस्था अखाड़े स्वयं कर लेंगे। उन्होंने हाईमास्ट लाइट लगवाने की भी मांग की। जिस पर मेला अधिकारी ने तुरंत व्यवस्था किए जाने का भरोसा दिया।

निरीक्षण के दौरान क्षेत्र में एक निजी निर्माणदायी संस्था की निर्माण सामग्री देख मेलाधिकारी ने 25 जनवरी तक जगह खाली करने और 30 जनवरी तक समतलीकरण करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। मेलाधिकारी ने कहा कि कुंभ मेले का नोटिफिकेशन जारी होने से पूर्व ही पूरे बैरागी कैंप क्षेत्र में सभी सुविधायें मुहैया करा दी जाएंगी। महंत विष्णुदास महाराज ने कहा कि प्राचीन समय से ही बैरागी कैंप वैष्णव अखाड़ों के लिए आरक्षित रहा है। प्रत्येक कुंभ में वैष्णव अखाड़ों की छावनियां बैरागी कैंप में ही लगती रही हैं। देश भर से आने वाले बैरागी संत, खालसे व श्रद्धालु हमेशा बैरागी कैंप में ही ठहरते हैं।

महंत राजेंद्रदास महाराज व महंत प्रह्लाददास महाराज ने कहा कि तीन वैष्णव अणियों से जुड़े 18 अखाड़ों के लाखों संत व उनके अनुयायियों के लिए समय रहते सुविधाएं उपलब्ध करायी जानी चाहिए। इस अवसर पर अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अणि अखाड़ा के महंत बिहारी शरण, महंत राजेश्वर शरण, महंत प्रेमदास, महंत हितेशदास, महंत शत्रुघ्नदास, महंत अरुणदास आदि मौजूद रहे।

छावनी को नहीं हुआ भूमि आवंटन

हरिद्वार कुंभ में अखाड़ों की छावनी बनाने को लेकर सरकार के स्तर से अब तक कोई निर्णय न होने से अखाड़ों में असमंजस की स्थिति है। मेला अधिष्ठान अखाड़ों सहित अन्य संस्थाओं को अब तक भूमि का आवंटन शुरू नहीं कर पाया है। जबकि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और उससे जुड़े बैरागी अखाड़े इसे लेकर कई बार अपनी नाराजगी जता चुके हैं। वहीं, 25 जनवरी को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा और आंनद अखाड़े के रमता पंचों का नगर में प्रवेश होगा। परंपरा के अनुसार अखाड़ा परिषद के समन्वय से सभी 13 अखाड़ों और उनकी अणियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार कुंभ मेला क्षेत्र में छावनी लगाने के लिए भूमि का आवंटन किया जाता है।

अखाड़े अपनी आवश्यकता के अनुसार आपसी बंटवारे के बाद क्षेत्र में टेंट इत्यादि लगाकर अखाड़े में पहुंचने वाले संत-महात्माओं और श्रद्धालुओं की सुविधा को अपनी छावनी तैयार करते हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में हो रहे हरिद्वार कुंभ में इसे लेकर अब तक सरकारी स्तर से कोई स्पष्ट गाइडलाइन जारी न होने के कारण फिलवक्त तक कुंभ मेला क्षेत्र में अखाड़ों की छावनी और टेंट सिटी नहीं बन पाई है। कहा जा रहा है कि सरकार हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना के चलते मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और अखाड़ों की छावनी की स्थापना करने के पक्ष में नहीं है। श्रद्धालु हरिद्वार के होटल, धर्मशालाओं, मठ-मंदिरों और आश्रम में रह कर कुंभ के निमित्त अपने धार्मिक कार्यों को पूरा करते हुए कुंभ स्नान करें। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद सहित सभी अखाड़े इसके पक्ष में नहीं है।

पंचायती अखाड़ा निर्मल की पेशवाई नौ अप्रैल को

श्रीपंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि अखाड़े में कुंभ मेले को लेकर तैयारियों की जा रही हैं। अखाड़े की साज-सज्जा व संतों और श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं। नौ अप्रैल को अखाड़े की एकड़कला शाखा से भव्य रूप से पेशवाई निकाली जाएगी। पेशवाई के बाद दस अप्रैल को अखाड़े में धर्म ध्वजा फहराई जाएगी। पेशवाई की शोभा बढ़ाने के लिए जोधपुर से हथिनी पवनकली को लाया जाएगा, जो कुंभ मेले के दौरान आकर्षण का केंद्र भी होगी। बुधवार को कनखल स्थित अखाड़े में पत्रकारों से बातचीत में कोठारी महंत जसविंदर सिंह ने कहा कि अखाड़े की पेशवाई में पूरे देश के विभिन्न प्रांतों से जमात के संत बड़ी संख्या में मौजूद रहेंगे। मेला प्रशासन को समय रहते सभी तैयारियां पूरी कर लेनी चाहिए। इस मौके पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री महाराज ने कहा कि मेला प्रशासन अखाड़े के पेशवाई मार्ग व एकड़कला की सड़क को जल्द दुरुस्त कराए। जिससे कुंभ मेले के दौरान संतों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

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