रुड़की में ऊर्जा निगम की लापरवाही से टूटी ऑक्सीजन सप्लाई की चेन, साढ़े तीन घंटे बाद भी निगम के अधिकारियों ने नहीं ली कोई सुध

इमलीखेड़ा स्थित ऑक्सीजन फैक्ट्री में साढ़े तीन घंटे तक बिजली कटौती की वजह से सैकड़ों ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं भरे जा सके। एम्स ऋषिकेश समेत कई अस्पताल के वाहन ऑक्सीजन सिलिंडर लेने के लिए फैक्ट्री के बाहर खड़े रहे लेकिन ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 07:45 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 11:04 PM (IST)
रुड़की में ऊर्जा निगम की लापरवाही से टूटी ऑक्सीजन सप्लाई की चेन, साढ़े तीन घंटे बाद भी निगम के अधिकारियों ने नहीं ली कोई सुध
ब्रेकडाउन के चलते आपूर्ति बंद पड़ने से एम्स ऋषिकेश समेत कई अस्पतालों की गाड़ियां फैक्ट्री के बाहर खड़ी दिखाई दी।

जागरण संवाददाता, रुड़की: इमलीखेड़ा स्थित ऑक्सीजन फैक्ट्री में साढ़े तीन घंटे तक बिजली कटौती की वजह से सैकड़ों ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं भरे जा सके। एम्स ऋषिकेश समेत कई अस्पताल के वाहन ऑक्सीजन सिलिंडर लेने के लिए फैक्ट्री के बाहर खड़े रहे, लेकिन ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली।

कोरोना संक्रमण के इस दौर में पूरा देश ऑक्सीजन गैस की किल्लत से जूझ रहा है। दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड में भी ऑक्सीजन की किल्लत होने लगी है। वहीं ऊर्जा निगम अपनी लापरवाह कार्यशैली सुधारने को तैयार नहीं है। इमलीखेड़ा गांव में मां गंगा ऑक्सीजन गैस फैक्ट्री है। गुरुवार को बिजली कटौती के चलते फैक्ट्री में ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं भरे जा सके। फैक्ट्री के मालिक शशांक चोपड़ा ने बताया कि गुरुवार को शाम साढ़े तीन बजे फैक्ट्री की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। इस पर कलियर स्थित बिजलीघर में शिकायत की गई। लेकिन, साढ़े छह बजे तक निगम ने लाइन को दुरुस्त करने की सुध नहीं ली। वहीं फैक्ट्री के बाहर ऋषिकेश से लेकर देहरादून के अस्पतालों की गाडिय़ां खाली सिङ्क्षलडर लेकर खड़ी रही। बार-बार ऊर्जा निगम के अफसरों को फैक्ट्री प्रबंधन फोन करता रहा, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। इसी बीच मामला मीडिया के संज्ञान में आया तो इसकी शिकायत प्रबंध निदेशक से की गई। एमडी डॉ. नीरज खैरवाल ने इसे गंभीरता से लेते हुए फटकार लगाई। साथ ही चेतावनी दी कि यदि लापरवाही बरती गई है तो कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद निगम की टीम हरकत में आई। इसके बाद लाइन फाल्ट तलाश किया गया और शाम सात बजे विद्युत आपूर्ति सुचारू की गई।

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एक घंटे में तैयार होते है 40 से अधिक सिलिंडर: फैक्ट्री मालिक शशांक चोपड़ा ने बताया कि एक घंटे में फैक्ट्री 40 से अधिक ऑक्सीजन के सिलिंडर तैयार करती है। तीन घंटे में डेढ़ सौ से अधिक गैस सिङ्क्षलडर तैयार कर दिया जाता है। बिजली कटौती के चलते अस्पतालों में सिलिंडर की आपूर्ति में देरी हो गई।

जरूरतमंदों को फैक्ट्री से निश्शुल्क सिलिंडर

फैक्ट्री मालिक शशांक चोपड़ा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच मरीजों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए किसी मरीज को ऑक्सीजन की कमी होने पर निश्शुल्क ऑक्सीजन सिलिंडर दिया जाएगा। साथ ही अस्पतालों में भी लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। 

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