नए पेराई सत्र के भुगतान में भी इकबालपुर चीनी मिल पिछड़ी

नए पेराई सत्र के भुगतान में भी इकबालपुर चीनी मिल फिसड्डी साबित हो रही है। जिले की दोनों चीनी मिलों ने किसानों का भुगतान कर दिया है लेकिन इकबालपुर चीनी मिल का भुगतान किसानों को इस सप्ताह भी मिलने के आसार नहीं हैं। इसको लेकर किसान चितित हैं। वहीं गन्ना विभाग के अधिकारियों ने भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 05:11 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 05:11 PM (IST)
नए पेराई सत्र के भुगतान में भी इकबालपुर चीनी मिल पिछड़ी
नए पेराई सत्र के भुगतान में भी इकबालपुर चीनी मिल पिछड़ी

जागरण संवाददाता, रुड़की: नए पेराई सत्र के भुगतान में भी इकबालपुर चीनी मिल फिसड्डी साबित हो रही है। जिले की दोनों चीनी मिलों ने किसानों का भुगतान कर दिया है, लेकिन इकबालपुर चीनी मिल का भुगतान किसानों को इस सप्ताह भी मिलने के आसार नहीं हैं। इसको लेकर किसान चितित हैं। वहीं गन्ना विभाग के अधिकारियों ने भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

जिले की चीनी मिलों ने 10 से 12 नवंबर के बीच गन्ने की पेराई शुरू कर दी थी। सरकार की ओर से पिछले सप्ताह गन्ने का दाम भी तय कर दिया गया। गन्ने का दाम घोषित होने के साथ लिब्बरहेड़ी चीनी मिल ने पहल करते हुए सबसे पहले 13 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को कर दिया। यह भुगतान किसानों के खाते में पहुंचना शुरू हो गया है। वहीं लक्सर चीनी मिल ने भी नए पेराई सत्र के भुगतान के लिए करीब साढ़े ग्यारह करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। वहीं इकबालपुर चीनी मिल की ओर से भुगतान करना तो दूर अभी तक भुगतान को लेकर कोई आश्वासन भी किसानों को नहीं दिया है। इसकी वजह से किसानों में आक्रोश है। किसान क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी कटार सिंह ने बताया कि जिस तरह से इकबालपुर चीनी मिल भुगतान में हीलाहवाली करती है, उससे हर साल किसानों को भुगतान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। चीनी मिल को समय से भुगतान शुरू कर देना चाहिए था। विभाग भी इस ओर कोई दबाव नहीं बना पा रहा है। इस संबंध में इकबालपुर गन्ना समिति के प्रभारी सचिव कुलदीप तोमर ने बताया कि इस संबंध में चीनी मिल को पत्र जारी कर दिया है। साथ ही जल्द चीनी मिल को भुगतान करने को कहा गया है। अगले सप्ताह तक भुगतान होने की उम्मीद है।

दो पेराई सत्र का 180 करोड़ रुपये बकाया

रुड़की: इकबालपुर चीनी मिल पर किसानों का दो पेराई सत्र 2017-18, 2018-19 का 180 करोड़ रुपये बकाया है। इस बकाया भुगतान में से पिछले दिनों चीनी मिल की ओर से मात्र 14 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया गया है। इस भुगतान को लेकर भी किसानों की चिता बनी हुई है। एक किसान ने तो बकाया भुगतान जल्द करने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की है।

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