.पीने योग्य पानी की उपलब्धता से भी जूझ रहा देश

जागरण संवाददाता रुड़की राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रुड़की में सोमवार को जल गुणवत्ता मूल्यांक

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Jun 2019 08:23 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jun 2019 08:23 PM (IST)
.पीने योग्य पानी की उपलब्धता से भी जूझ रहा देश
.पीने योग्य पानी की उपलब्धता से भी जूझ रहा देश

जागरण संवाददाता, रुड़की : राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रुड़की में सोमवार को जल गुणवत्ता मूल्यांकन एवं प्रबंधन विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत हुई। इस दौरान प्रतिभागियों को संस्थान की जल गुणवत्ता प्रयोगशाला का दौरा भी कराया और विभिन्न उपकरणों के विषय में जानकारी दी।

कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि हमारे देश में वर्षा के पैटर्न में काफी विषमता है। जहां जैसलमेर में औसत वार्षिक वर्षा लगभग 154 एमएम होती है, वही मौसिनराम में करीब 12000 एमएम औसत वार्षिक वर्षा होती है। इस वजह से कहीं पर बाढ़ और कहीं पर सूखे की स्थिति पैदा हो जाती है। देश में पानी की पर्याप्त मात्र में उपलब्धता ही एक समस्या नहीं है, अपितु देश आज पीने योग्य पानी की उपलब्धता से भी जूझ रहा है। हमारे जल संसाधन, सतही एवं भूजल, दोनों की जल गुणवत्ता चिता का विषय बनी हुई हैं, इसलिए इस तरह की कार्यशालाएं नितांत आवश्यक है। कहा कि मंत्रालय स्तर पर भी जल की महत्ता को ध्यान में रखते हुए नए मंत्रालय, जल शक्ति का गठन किया गया है। नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के नोडल ऑफिसर डॉ. संजय जैन ने इस परियोजना के तहत किये जा रहे कार्यो की जानकारी दी। डॉ. सीपी कुमार ने शोध कार्यो को प्रतिभागियों के साथ साझा किया। डॉ. मुकेश शर्मा, डॉ. ब्रिजेश कुमार यादव आदि ने भी व्याख्यान दिए। संचालन डॉ. प्रदीप कुमार ने किया। कार्यशाला का आयोजन डॉ. जयवीर त्यागी के मार्गदर्शन में डॉ. राजेश सिंह की ओर से किया जा रहा है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप

chat bot
आपका साथी