डीएम का कर्नल्स अस्पताल में छापा, ओपीडी सील; बिना जांच कोरोना बता कर रहे थे लाखों की वसूली

बिना अनुमति कोविड मरीजों को भर्ती किए जाने पर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारकर कर्नल्स अस्पताल की ओपीडी को सील कर दिया। साथ ही अस्पताल के दस्तावेजों व सीसीटीवी की डीबीआर जब्त कर ली गई है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 29 May 2021 11:38 PM (IST) Updated:Sat, 29 May 2021 11:38 PM (IST)
डीएम का कर्नल्स अस्पताल में छापा, ओपीडी सील; बिना जांच कोरोना बता कर रहे थे लाखों की वसूली
डीएम का कर्नल्स अस्पताल में छापा, ओपीडी सील।

संवाद सहयोगी, रुड़की। बिना अनुमति कोविड मरीजों को भर्ती किए जाने पर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारकर कर्नल्स अस्पताल की ओपीडी को सील कर दिया। साथ ही अस्पताल के दस्तावेजों व सीसीटीवी की डीबीआर जब्त कर ली गई है। अस्पताल में कई गंभीर अनियमितता मिली हैं। उपचार के नाम पर मरीजों से लाखों रुपये वसूले जाने की बात भी सामने आई है। साथ ही अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों का पूरा ब्योरा लिया जा रहा है। डीएम ने अस्पताल प्रबंधन पर मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। 

शनिवार को जिलाधिकारी सी रविशंकर, सीएमओ हरिद्वार डॉ. एसके झा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल व एसपी देहात प्रमेंद्र डोभाल आदि अधिकारियों की टीम रुड़की के दिल्ली रोड स्थित कर्नल्स अस्पताल पहुंचे। डीएम और अधिकारियों को देख अस्पताल स्टाफ में हड़कंप मच गया। डीएम ने अस्पताल के संचालक डॉ. अदनान मसूद व अस्पताल स्टाफ को हिदायत दी की वह अपनी जगह पर ही रहें। कार्रवाई के दौरान किसी भी तरह का दखल न करें। इसके बाद डीएम और अधिकारियों ने अस्पताल का जायजा लिया। वहां भर्ती मरीजों के संबंध में पूरी जानकारी ली। अस्पताल में छह मरीज भर्ती थे। इनमें से एक मरीज में कोरोना के लक्षण थे, जिसकी अस्पताल ने कोविड जांच नहीं कराई थी। 

डीएम ने अस्पताल में पिछले दो माह के भीतर भर्ती हुए मरीजों का पूरा रिकार्ड लिया। मरीजों के तीमारदारों से बातचीत की। मरीजों को बिना जांच के कोविड बताकर उनका उपचार किए जाने तथा हालत बिगड़ने पर उनको रेफर किए जाने की भी बात सामने आई है। अस्पताल की ओपीडी को सील कर दिया है, लेकिन जो मरीज भर्ती हैं उनका उपचार अभी होता रहेगा। दो मरीजों के तीमादारों ने डीएम को चिकित्सक के खिलाफ उपचार के नाम पर लाखों रुपये लेने की शिकायत दी है। इस पर डीएम ने मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। कार्रवाई के दौरान सीएमएस डॉ. संजय कंसल, एएसडीएम पूर्ण सिंह राणा और  सीओ बहादुर सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।

मरीजों के तीमारदारों ने डीएम को बताई आपबीती 

कर्नल्स अस्पताल में भर्ती रहे तीन मरीजों के तीमारदारों ने डीएम को आपबीती बताई है। अस्पताल से मिले रिकार्ड के अनुसार अप्रैल और मई में अस्पताल में 34 मरीजों की मौत हुई है। बिझौली निवासी गुलशेर अली ने बताया कि उसने अपने चाचा शाहिद को अस्पताल में 14 मई को भर्ती कराया था। उनसे उपचार के नाम पर डॉक्टर ने 3.20 लाख रुपये लिए। 19 मई को उन्हें रेफर कर दिया गया। जांच कराने पर उनकी रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई। 

शाकुंभरी निवासी फैजान खान ने बताया कि उसकी पत्नी की तबीयत खराब हो गई थी। तीन दिन में उनसे 73 हजार 800 रुपये लिए गए। मोहम्मदपुर निवासी मेहताब ने बताया कि उसकी मां को बुखार की शिकायत थी। उपचार के नाम पर दो लाख रुपये जमा कराए गए। बाद में हालत गंभीर होने पर उन्हें रेफर दिया और 18 हजार फिर से लिए गए। अन्य अस्पताल में जांच कराने पर वह कोविड पॉजिटिव आई। जबकि कर्नल्स अस्पताल के डॉक्टर ने कोविड की जांच नहीं कराई। जिलाधिकारी ने इन तीनों मामलों में भी मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।

जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि कर्नल्स अस्पताल में बिना जांच कोविड मरीजों का उपचार किए जाने और उपचार के नाम पर बहुत ज्यादा रुपये लेने की शिकायत मिली थी। छापे के दौरान अनियमितता मिली हैं। उनके आधार पर मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। अस्पताल संचालक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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