सनातन हिदू धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं होगा

बैरागी कैंप में तोड़े गए तीनों वैष्णव अणि अखाड़ों के मंदिरों एवं निर्माणाधीन भवन के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर वैष्णव संतों का धरना लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 07:54 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:54 PM (IST)
सनातन हिदू धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं होगा
सनातन हिदू धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं होगा

संवाद सहयोगी, हरिद्वार: बैरागी कैंप में तोड़े गए तीनों वैष्णव अणि अखाड़ों के मंदिरों एवं निर्माणाधीन भवन के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर वैष्णव संतों का धरना लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। मंगलवार को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन व नया उदासीन व नाथ सम्प्रदाय के संतों के अलावा कई स्थानीय संतों ने धरने पर पहुंचकर बैरागी अनी अखाड़ों को अपना समर्थन दिया।

इस मौके पर श्रीपंच निर्वाणी अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि संत निवास व मंदिर तोड़कर जिस प्रकार हिदू धर्म पर कुठाराघात किया गया। वह अक्षम्य है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि प्राचीन काल से ही कुंभ मेले में वैष्णव अखाड़ों व खालसों के शिविर बैरागी कैंप में ही स्थापित होते आए हैं। यह सब सरकारी दस्तावेजों में भी दर्ज है, लेकिन वैष्णव अखाड़ों ने बैरागी कैंप की भूमि पर कराए जा रहे संत निवास के निर्माण व पूर्व से स्थापित मंदिरों को अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया। लेकिन बैरागी कैंप में ही अतिक्रमण कर किए गए अन्य अवैध निर्माण को अनदेखा कर सरकार व प्रशासन ने केवल वैष्णव अखाड़ों पर कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि संत तीन दिन से धरने पर बैठे हैं। लेकिन सरकार के किसी प्रतिनिधि या अधिकारी ने अब तक सुध नहीं ली।

श्रीपंच दिगम्बर अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्णदास महाराज ने कहा कि केंद्र व राज्य हिदूवादी सरकार के होते संतों व सनातन धर्म का उत्पीड़न कतई सहन नहीं किया जाएगा। श्रीमहंत रामजीदास, महंत विष्णुदास व महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा कि बैरागी कैंप में तीनों वैष्णव अनी अखाड़ों की ओर से बनाए जा रहे संत निवास व मंदिरों को तोड़कर हिदू धर्म का अपमान किया गया। इस दौरान महंत महेशदास, महंत नरेंद्र दास, महंत संत रामसेवक दास, महंत दुर्गादास, महंत विष्णुदास समेत अनेक संत मौजूद रहे।

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