मजाक बनी मासिक परीक्षाएं, वाट्सएप पर वायरल हो पेपर
संवाद सहयोगी, रुड़की: सरकारी स्कूलों में कराई जाने वाली मासिक परीक्षाएं मजाक बनकर रह
संवाद सहयोगी, रुड़की: सरकारी स्कूलों में कराई जाने वाली मासिक परीक्षाएं मजाक बनकर रह गई है। परीक्षा में आने वाले सभी पेपर वाट्सएप पर वायरल हो रहे हैं। मासिक परीक्षा बच्चों में शिक्षा स्तर जांचने के लिए शुरू कराई गई है। लेकिन पेपर आउट होने के कारण विभाग का यह उद्देश्य पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।
सरकारी स्कूलों में बच्चों का शैक्षिक स्तर सुधारने के लिए शिक्षा विभाग ने हर माह मासिक परीक्षा की व्यवस्था शुरू की हुई है। परीक्षा हर माह के अंतिम सप्ताह में कराई जाती है। इस बार यह मासिक परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो रही हैं। स्कूलों में परीक्षाओं की तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। लेकिन परीक्षा से पहले सभी विषयों के प्रश्न-पत्र मोबाइल पर आ गए हैं। यह प्रश्न-पत्र एक वाट्सएप से दूसरे मोबाइल पर वायरल हो रहे हैं। इनमें प्राथमिक और उच्च प्राथमिक के हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान और गणित विषय के प्रश्न पत्र हैं। अधिकांश बच्चों को मालूम है कि उनकी मासिक परीक्षा में किस विषय से क्या प्रश्न पूछा जाना है। हैरानी की बात यह है कि मासिक परीक्षाओं के पेपर का परीक्षा से पहले वायरल होने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी यह पेपर वायरल हो चुके हैं। विभाग ने बच्चों में शैक्षिक स्तर सुधारने के लिए यह परीक्षा शुरू की थी। ताकि बच्चों को अपने कोर्स सही प्रकार से आ सके। बच्चे केवल छमाही और सालाना परीक्षा के समय ही तैयारी न करें, बल्कि मासिक परीक्षा के जरिये बच्चों की तैयारी पहले ही रहे। लेकिन जिस तरह पेपर मोबाइल पर वायरल हो रहे हैं। उससे परीक्षा की गोपनीयता पर तो सवाल उठ ही रहे हैं। साथ ही परीक्षा का उद्देश्य भी पूरा नहीं हो पा रहा है। मासिक परीक्षा बच्चों का एचीवमेंट चेक करने के लिए शुरू की गई है। इसके माध्यम से बच्चों की अच्छी तैयारी कराना है। पेपर यदि वायरल हुआ है तो वह इस मामले की जांच कराएंगे।
डॉ. आरडी शर्मा, मुख्य शिक्षा अधिकारी, हरिद्वार