देवोत्थान एकादशी आज, अब पांच माह तक बज सकेंगी शहनाई

विवाह और मांगलिक कार्य शुरू करने को लेकर चल रहा इंतजार रविवार को समाप्त हो जाएगा। रविवार को देवोत्थान एकदशी के बाद मांगलिक कार्य पर लगी रोक हट जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 13 Nov 2021 08:19 PM (IST) Updated:Sat, 13 Nov 2021 08:19 PM (IST)
देवोत्थान एकादशी आज, अब पांच माह तक बज सकेंगी शहनाई
देवोत्थान एकादशी आज, अब पांच माह तक बज सकेंगी शहनाई

संवाद सहयोगी, रुड़की: विवाह और मांगलिक कार्य शुरू करने को लेकर चल रहा इंतजार रविवार को समाप्त हो जाएगा। रविवार को देवोत्थान एकदशी के बाद मांगलिक कार्य पर लगी रोक हट जाएगी। देवोत्थान एकादशी के व्रत का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन से मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं। रविवार को शहर में बड़ी संख्या में शादियां हैं।

आइआइटी स्थित श्री सरस्वती मंदिर के ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश शुक्ला ने बताया कि देवोत्थान एकादशी के दिन चातुर्मास समाप्त हो जाता है और भगवान विष्णु पुन: सृष्टि का कार्यभार संभाल लेते हैं। इसी के साथ सारे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। इस साल एकादशी का व्रत दो दिन 14 और 15 नवंबर को किया जाएगा। इसमें 14 नवंबर को स्मार्त तथा उदय व्यापिनी 15 नवंबर को व्रत करेंगे। उदय व्यापिनी तिथि ग्रहण करने से तुलसी शालिग्राम विवाह 15 को भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नवंबर व दिसंबर में केवल 12 मुहूर्त ही शुद्ध हैं। इनमें नवंबर में 20, 21, 28, 29, 30 और दिसबंर में 2,5,7,12 व 14 शामिल हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश शुक्ला ने बताया कि कार्तिक मास में एकादशी को तुलसी शालिग्राम का विवाह संपन्न कराने से कन्यादान का पुण्य प्राप्त होता है। 14 और 15 नवंबर को विवाह होंगे। शहर में इन दोनों तिथियों पर रिकार्ड शादियां हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित सुमित मिश्रा ने बताया कि देवोत्थान एकादशी वाले दिन निर्जल या केवल जल पर उपवास रखने से पुण्य की प्राप्ति होती है। बिना मुहूर्त के ही इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य किया जा सकता है। यदि कोई बीमार, वृद्ध, बालक या फिर अत्यधिक व्यस्त व्यक्ति इस व्रत को करना चाहता है तो फलाहार के साथ इस व्रत को कर सकता है। इस दिन चावल का परहेज करना चाहिए। भगवान विष्णु या अपने ईष्ट-देव की उपासना करनी चाहिए। इस दिन तामसिक आहार (प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा, बासी भोजन) बिलकुल न खाएं।

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