चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर लाखों ने लगाई गंगा में डुबकी

हरिद्वार में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर लाखों श्रद्धालुओं ने विभिन्न गंगा घाटों पर स्नान किया। आधी रात से ही श्रद्धालु हरकी पैड़ी पर पहुंचने लगे थे। हालांकि अन्य घाटों पर संख्या अपेक्षाकृत कम रही। स्नान को देखते हुए मेला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 09:32 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 09:32 PM (IST)
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर लाखों ने लगाई गंगा में डुबकी
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर लाखों ने लगाई गंगा में डुबकी

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: हरिद्वार में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर लाखों श्रद्धालुओं ने विभिन्न गंगा घाटों पर स्नान किया। आधी रात से ही श्रद्धालु हरकी पैड़ी पर पहुंचने लगे थे। हालांकि अन्य घाटों पर संख्या अपेक्षाकृत कम रही। स्नान को देखते हुए मेला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। प्रशासन के अनुसार शाम सात बजे तक चार लाख 47 हजार श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। इसके अलावा ऋषिकेश, देवप्रयाग और उत्तरकाशी समेत कई स्थानों पर श्रद्धालुओं ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई।

सोमवार को शाही स्नान के चलते हरकी पैड़ी पर आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित था। ऐसे में सोमवती अमावस्या पर शाही स्नान के चलते जो श्रद्धालु ब्रह्मकुंड में डुबकी नहीं लगा पाए थे, उन्होंने चैत्र प्रतिपदा पर अपनी अभिलाषा पूरी की। श्रद्धालु आधी रात के बाद हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड में स्नान को पहुंचने लगे। ब्रह्ममुह‌रू्त से भोर होने तक हरकी पैड़ी समेत आसपास के घाट श्रद्धालुओं से पट गए। हालांकि, इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बीते वर्षों की अपेक्षा कम रही। श्रद्धालुओं ने सूर्यदेव को जल अ‌र्घ्य देकर शक्तिस्वरूपा मां दुर्गा का पूजन भी किया। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ने लगी।

पुलिस महानिरीक्षक (कुंभ मेला) संजय गुंज्याल ने बताया कि शहर में स्थिति सामान्य रही। यातायात संचालन में किसी तरह की कोई समस्या देखने को नहीं मिली।

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नहीं सुनाई दी कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने की अपील

कुंभ के पहले शाही स्नान के दौरान हरकी पैड़ी पर मेला अधिष्ठान की ओर से श्रद्धालुओं से लगातार कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन करने की अपील की जा रही थी। मंगलवार को चैत्र प्रतिपदा पर हुए पर्व स्नान के दौरान इस तरह की कोई अपील नहीं सुनाई दी। श्रद्धालु भी घाटों पर देर तक गंगा में डुबकियां लगाते रहे।

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