दिन में डाका और कोतवाली के बगल में रात बिताकर बदमाशों ने पुलिस की दी चुनौती
शहर के बीचोंबीच दिनदहाड़े डकैती डालकर पुलिस के इकबाल की धज्जियां उड़ाने के बाद भी बदमाशों बेखौफ रहे। कोतवाली की बगल में रात बिताकर बदमाशों ने पुलिस की मुस्तैदी की पोल भी खोलकर रख दी।
मेहताब आलम, हरिद्वार : शहर के बीचोंबीच दिनदहाड़े डकैती डालकर पुलिस के इकबाल की धज्जियां उड़ाने के बाद भी बदमाशों बेखौफ रहे। कोतवाली की बगल में रात बिताकर बदमाशों ने पुलिस की मुस्तैदी की पोल भी खोलकर रख दी। हैरत की बात है कि गुरुवार की रात जब पुलिस, एसओजी और एसटीएफ की टीमें सुराग जुटाने के लिए हाथ-पांव मार रही थी, ठीक उसी समय बदमाश रुड़की शहर कोतवाली से चंद कदम की दूरी पर जिला पंचायत के सरकारी गेस्ट हाउस में आराम फरमा रहे थे। पूरी संभावना है कि पुलिस जल्द से जल्द बदमाशों को गिरफ्तार कर लेगी, लेकिन घटना से लेकर चकमा देने तक बदमाश पुलिस पर इक्कीस साबित हुए हैं।
मोरा तारा ज्वैलर्स शोरूम में दिनदहाड़े घुसकर बदमाशों ने हथियारों की नोक पर जिस तरह मालिक सहित पूरे स्टाफ को बंधक बनाया और दो करोड़ के जेवरात समेटकर फरार हो गए, उसे दुस्साहस की प्राकाष्ठा ही कहा जाएगा। घटना के बाद बदमाश अलग-अलग दिशाओं में फरार हो गए। दो बदमाश विष्णुघाट पर सीसीटीवी कैमरे में कपड़े बदलते नजर आए। जबकि दो बदमाश बहादराबाद में टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुए। अलग-अलग रास्तों से चार से पांच बदमाश रुड़की सिविल लाइंस स्थित जिला पंचायत के गेस्ट हाउस पहुंचे। यहां उन्होंने शान से रात बिताई और फिर अलग-अलग रास्ते पकड़कर उत्तर प्रदेश और हरियाणा पहुंच गए। कुछ बदमाश दिल्ली भी पहुंचे। सवाल यह है कि डकैती के बाद जिले भर में पुलिस ने चेकिग अभियान चलाया तो बदमाश रुड़की जाकर कैसे छिप गए। पुलिस ने रुड़की के प्राइवेट होटल, गेस्ट हाउस जरूर खंगाले, लेकिन कोतवाली के पड़ोस में जिला पंचायत के बंगले में झांककर नहीं देखा। पुलिस अगर थोड़ी सी समझदारी दिखाती तो घटना की रात में ही बदमाश हाथ आ चुके होते। यह भी संभव है कि अभी तक माल भी बरामद हो गया होता। बदमाशों की ब्रेफिक्री यह भी बताती है कि उन्होंने कोतवाली के पास रात बिताकर पुलिस को जितने हल्के में लिया, वास्तव में पुलिस को लेकर उनका अंदाजा सही निकला। बाद में सुराग लगने पर पुलिस जिला पंचायत गेस्ट हाउस पहुंची और काफी जानकारी भी हासिल हुई। इसमें शक की कोई गुंजाइश नहीं है कि बदमाश जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे, अलबत्ता बदमाश घटना के बाद पुलिस को चैलेंज पर चैलेंज ठोक कर गए, इसकी पूर्ति शायद ही हो पाए।
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रुड़की में मददगार की तलाश
बदमाश हरिद्वार में डकैती डालने के बाद जितनी आसानी से रुड़की जाकर ठहरे उससे पुलिस को शक है कि उनका कोई लोकल मददगार जरूर रहा होगा। अभी तक की पड़ताल में बदमाशों के उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा निवासी होने की बात सामने आई है, अलबत्ता इस बात से पुलिस इन्कार नहीं कर रही है कि हरिद्वार या रुड़की से भी किसी ने उनकी मदद की है। बताया जा रहा है कि बदमाश कई दिन पहले ही उत्तराखंड पहुंच गए थे। दो तीन दिन रेकी करने के बाद उन्होंने गुरुवार को घटना को अंजाम दिया। हरिद्वार से फरार होकर रुड़की में कहां छिपना है, यह भी उन्होंने पहले से तय कर रखा था।