Coronavirus Test Fraud: कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े में एसआइटी ने बढ़ाई धारा, जानें- धारा 467 में क्या है सजा का प्रविधान
Coronavirus Test Fraud कुंभ में हुए कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआइटी ने फर्म व लैब संचालकों और बिचौलियों से पूछताछ के बाद धारा 467 बढ़ा दी है। इसकी जानकारी एसआइटी ने बकायदा नैनीताल हाइकोर्ट में दाखिल की है।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Coronavirus Test Fraud कुंभ में हुए कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआइटी ने फर्म व लैब संचालकों और बिचौलियों से पूछताछ के बाद धारा 467 बढ़ा दी है। इसकी जानकारी एसआइटी ने बकायदा नैनीताल हाइकोर्ट में दाखिल की है। एफआइआर के दौरान लगी धाराओं में अधिकतम सजा सात साल है, लेकिन धारा 467 में दस साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा का प्रविधान है। एसआइटी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पड़ताल में नामजद संस्थानों के अलावा एक अधिकारी के खिलाफ पुख्ता सुबूत भी मिल चुके हैं। कई अन्य अधिकारियों की भूमिका को टटोला जा रहा है। बिचौलियों की कड़ी से कड़ी जुडऩे पर फर्म और लैब संचालकों पर कार्रवाई को लेकर काफी कुछ साफ हो जाएगा।
कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआइटी अभी तक सीएमओ डा. शंभू कुमार झा, मेलाधिकारी स्वास्थ्य डा. अर्जुन सेंगर और नोडल अधिकारी डा. एनके त्यागी के बयान दर्ज कर चुकी है। कोरोना टेस्टिंग का ठेका लेने वाली फर्म मैक्स कारपोरेट सर्विसेज दिल्ली, टेस्टिंग करने वाली नलवा लैबोरेट्रीज लैब हिसार हरियाणा और डा. लाल चंदानी लैब्स नई दिल्ली के संचालकों से बारी-बारी पूछताछ की जा चुकी है। लैब और फर्म के बीच में डील कराने वालों से भी पूछताछ जारी है। इस मामले में अभी तक दस व्यक्तियों से पूछताछ की जा चुकी है। जांच में कूटरचना और फर्जीवाड़े के सुबूत मिलने के बाद कूटरचना कर फर्जी दस्तावेज बनाने की धारा 467 बढ़ा दी है।
नलवा लैब की डील कराने वाले अजय निवासी हिसार हरियाणा की अपील पर हाइकोर्ट में दाखिल जवाब में एसआइटी ने इस तथ्य का उल्लेख किया है। धारा बढ़ने के बाद अब एसआइटी नामजदगी बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसलिए आरोपितों की गिरफ्तारी की संभावना भी बढ़ गई है। वहीं, एसआईटी के सीओ राकेश रावत ने बताया कि मामले की जांच चल रही है।
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