Coronavirus Test Fraud: 15 लाख रुपये भुगतान ले चुके हैं आरोपित, 19 मई को हासिल कर ली थी बिल की रकम

Coronavirus Test Fraud कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े में आरोपित मैसर्स मैक्स सर्विसेज नलवा लैबोरेटरी व डा.लाल चंदानी लैब ने कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग से 1541670 रुपये का भुगतान मई में ही प्राप्त कर लिया था। मैक्स कारपोरेट ने दोनों लैब के माध्यम से ये बिल मेला स्वास्थ्य विभाग को दिए थे।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 08:05 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 08:05 AM (IST)
Coronavirus Test Fraud: 15 लाख रुपये भुगतान ले चुके हैं आरोपित, 19 मई को हासिल कर ली थी बिल की रकम
15 लाख रुपये भुगतान ले चुके हैं आरोपित, 19 मई को हासिल कर ली थी बिल की रकम।

अनूप कुमार, हरिद्वार। Coronavirus Test Fraud कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े में आरोपित मैसर्स मैक्स सर्विसेज, नलवा लैबोरेटरी व डा.लाल चंदानी लैब ने कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग से 1541670 रुपये का भुगतान मई में ही प्राप्त कर लिया था। मैक्स कारपोरेट ने दोनों लैब के माध्यम से 4355 एंटीजन टेस्ट कराना दर्शाकर ये बिल 23 अप्रैल और 26 अप्रैल को मेला स्वास्थ्य विभाग को दिए थे। आशंका है कि जिन टेस्ट की एवज में बिलों का भुगतान हासिल गया है, उनमें भी फर्जीवाड़ा हुआ।

बहुचर्चित इस घपले में मैक्स कारपोरेट सर्विसेज, हरियाणा के हिसार में स्थित नलवा लैबोरेटरी और दिल्ली स्थित डा. लाल चंदानी लैब के खिलाफ हरिद्वार के सीएमओ ने मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। इन्हें हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान कोरोना जांच के लिए अनुबंधित किया गया था। प्रारंभिक जांच में इनके स्तर पर टेस्टिंग में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा करने की शिकायतें मिली थीं।

अभी तक की जांच में सामने आया कि मैक्स कारपोरेट व उसकी सहयोगी दोनों लैब ने 23 अप्रैल को 3788 एंटीजन टेस्ट के दो बिल और 26 अप्रैल को 567 एंटीजन टेस्ट का एक बिल कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग को दिया था। इन बिलों का 1541670 रुपये का भुगतान उन्होंने 19 मई को प्राप्त कर लिया था। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि इन बिलों का भुगतान टेस्टिंग में धांधली सामने आने और निजी कंपनियों के भुगतान पर रोक के निर्देश से पहले किया जा चुका था। हालांकि फिर भी यह पता लगाया जा रहा है कि इसके पीछे कोई विशेष कारण तो नहीं थे।

इधर, फर्जीवाड़ा पता चलने के बाद भी आरोपित कंपनियों ने बिलों की वसूली के प्रयास किए। उन्होंने 15 जून को अलग-अलग तारीखों के 119664 टेस्ट के करीब 29 लाख रुपये के 11 बिल भुगतान के लिए मेला स्वास्थ्य विभाग को दिए, इनके भुगतान के लिए दबाव बनाने की कोशिशें भी की। चूंकि तब तक इन कंपनियों का फर्जीवाड़ा सामने आ चुका था, लिहाजा इनका भुगतान रोक दिया गया।

एसआइटी ने शुरू की मामले की जांच, मेला स्वास्थ्य अधिकारी के बयान दर्ज

एसआटी ने कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े की जांच शुरू कर दी है। अभी कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग से पूरे प्रकरण की जानकारी हासिल की जा रही है। इसी कड़ी में शनिवार को मेला स्वास्थ्य अधिकारी डा. अजरुन सिंह सेंगर से प्रकरण से संबंधित जानकारी ली गई। वह पांच घंटे तक एसआइटी दफ्तर में रहे।

सीएमओ एसके झा की तरफ से दर्ज मुकदमे की जांच कोतवाली पुलिस कर रही थी, लेकिन एक रोज पहले जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी गई है। इसमें मुख्य विवेचक की भूमिका में कोतवाल राजेश साह ही रहेंगे। दोपहर एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने एसआइटी के साथ प्रकरण पर चर्चा की। इस बीच, मेला स्वास्थ्य अधिकारी डा. सेंगर से कोरोना जांच संबंधी जानकारी ली गई। उन्हें बयान दर्ज करवाने के लिए एसआइटी कार्यालय बुलाया गया था।

विवेचक राजेश साह ने बताया कि डा.सेंगर से मैक्स कारपोरेट सर्विसेज, उसकी सहयोगी नलवा लैबोरेटरी और डा. लाल चंदानी लैब को काम दिए जाने की प्रक्रिया, निजी कंपनियों के साथ टेस्टिंग के लिए अनुबंध, भुगतान, टेस्टिंग सेंटर आदि की जानकारी ली गई। प्रकरण से संबंधित दस्तावेज और अन्य ब्योरा भी एसआइटी ने जुटाया। उन्होंने बताया कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए डा. सेंगर से कई अन्य जानकारी और दस्तावेज लिए जाने हैं, इसलिए उन्हें रविवार को भी बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है।

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