नजूल के मामले में झुनझुना थमा गए सीएम

सिविल लाइंस को नजूल मुक्त करने का मामला उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से ही गरमाया हुआ है। पूर्व सीएम विजय बहुगुणा हरीश रावत और 2017 में सीएम बने त्रिवेंद्र रावत सिविल लाइंस को नजूल मुक्त करने का आश्वासन जन सभाओं के दौरान दे चुके हैं। वहीं अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी जनता को आश्वासन का झुनझुना थमा कर चले गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 07:42 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 07:42 PM (IST)
नजूल के मामले में झुनझुना थमा गए सीएम
नजूल के मामले में झुनझुना थमा गए सीएम

जागरण संवाददाता, रुड़की : सिविल लाइंस को नजूल मुक्त करने का मामला उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से ही गरमाया हुआ है। पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, हरीश रावत और 2017 में सीएम बने त्रिवेंद्र रावत सिविल लाइंस को नजूल मुक्त करने का आश्वासन जन सभाओं के दौरान दे चुके हैं। वहीं अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी जनता को आश्वासन का झुनझुना थमा कर चले गए हैं।

नगर विधायक प्रदीप बत्रा दूसरी बार विधायक बने हैं। अपने कार्यकाल में वह सिविल लाइंस को नजूल मुक्त कराने का प्रस्ताव कई बार मुख्यमंत्री को दे चुके हैं। वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने रुड़की में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नजूल मुक्त करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद 2016 में नेहरू स्टेडियम में आयोजित सभा में पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी यह बात कही थी। रुड़की नगर निगम के चुनाव से पहले नेहरू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में भी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घोषणा की थी। लेकिन, आज तक सिविल लाइंस को नजूल मुक्त करने पर कोई अमल नहीं हुआ।

वहीं शुक्रवार को नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने सिविल लाइंस को नजूल मुक्त करने की मांग की। साथ ही शहरी क्षेत्र को छोड़कर शेष 100 गांव को हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण से मुक्त करने की मांग उठाई। इस पर सीएम ने सभा के दौरान कहा कि वह जांच कराकर इस संबंध में कार्रवाई करेंगे। वहीं रुड़की के नेहरू स्टेडियम को मिनी स्टेडियम बनाने की घोषणा पूर्व में भी हो चुकी है। अब मुख्यमंत्री नए सिरे से घोषणा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उपस्थित व्यक्ति इस पर चुटकियां लेते रहे कि सरकार बदल जाएगी। लेकिन, नेहरू स्टेडियम की बदहाली नहीं बदलेगी।

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