बाल कलाकारों ने किया भाव विभोर

श्री रामलीला समिति भूपतवाला की ओर से आयोजित रामलीला में केवट लीला दशरथ मरण भरत मिलाप आदि का मंचन किया गया। केवट के अभिनय में रामलीला समिति के वरिष्ठ कलाकार रामकिशोर साहनी ने अपने जीवंत अभिनय से सभी का मन मोह लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 06:53 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 06:53 PM (IST)
बाल कलाकारों ने किया भाव विभोर
बाल कलाकारों ने किया भाव विभोर

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: श्री रामलीला समिति भूपतवाला की ओर से आयोजित रामलीला में केवट लीला ,दशरथ मरण, भरत मिलाप आदि का मंचन किया गया। केवट के अभिनय में रामलीला समिति के वरिष्ठ कलाकार रामकिशोर साहनी ने अपने जीवंत अभिनय से सभी का मन मोह लिया। भरत शत्रुघ्न के अभिनय में समिति के नवोदित बाल कलाकार कृष्णा शर्मा और सुमित गोस्वामी (डमरू) ने अपने अभिनय से दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। प्रभु श्रीराम का अभिनय संजय तोमर, सीता का अभिनय अक्षित सकलानी, लक्ष्मण का अभिनय विकास राणा, कैकई का अभिनय प्रशांत पाल, सुमंत का अभिनय वीरेंद्र शर्मा, दशरथ का अभिनय समिति के वरिष्ठ कलाकार विनोद गिरि ने सजीवता से निभाया। समाज को त्याग मर्यादा आदर्श का संदेश दिया। दशरथ मरण की लीला ने दर्शकों को किया भावविभोर

-लीला के जरिये पुत्र के प्रति पिता के प्रेम को दर्शाया

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: श्रीरामलीला कमेटी की ओर से राम केवट संवाद और भरत मिलाप का ²श्य प्रस्तुत कर भगवान और भक्त के बीच का रिश्ता बताया गया। भ्रातृत्व प्रेम की प्रेरणादायी लीला का मंचन कर समाज को बताया कि भाई-भाई का रिश्ता कैसा होता है। संपूर्ण समाज को भवसागर से पार उतारने वाले श्रीराम को एक छोटी सी नदी पार करने के लिए केवट की नाव का सहारा लेना पड़ता है जबकि दशरथ मरण के माध्यम से पुत्र के प्रति पिता के प्रेम को देखकर दर्शक भी भाव विभोर हो गए।

नौका लीला के माध्यम से केवट की पात्रता का निर्वाह करने वाले पात्र ने भगवान राम को किन शर्तों पर नौका में बिठाया तथा त्रेता कालीन संस्कृति की जो छटा बिखेरी उसकी दर्शकों ने मुक्त कंठ से सराहना की। पुत्र वियोग में राजा दशरथ ने किस तरह प्राण त्यागे उसमें त्रियाहठ की भूमिका का दर्शन कराया गया। श्री रामलीला कमेटी ने अतीत से गौरवान्वित करते हुए दर्शाया कि हमारे राजा ही नहीं राजकुमार भी राजधर्म और कुल की मर्यादा का पालन करते थे ।भरत मिलाप के ²श्य को भावुकता से भरते हुए दर्शाया कि भरत ने स्वयं राजगद्दी पर न बैठकर अग्रज राम की चरण पादुका राजगद्दी पर रखकर 14 वर्ष तक अयोध्या की राजसत्ता का संचालन किया। रंगमंच के ²श्यों को मनोहारी बनाने में श्रीरामलीला कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील भसीन, संपत्ति कमेटी ट्रस्ट के मंत्री रविकांत अग्रवाल, मंत्री डॉ संदीप कपूर ,प्रेस प्रवक्ता विनय सिघल, कोषाध्यक्ष रवींद्र अग्रवाल आदि की भूमिका सराहनीय रही। सोमवार को सबरी राम दर्शन, सुग्रीव मैत्री तथा बाली वध की लीला का मंचन किया जाएगा। मंच संचालन डा. संदीप कपूर तथा विनय सिघल ने संयुक्त रूप से किया।

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