बीटेक छात्र बैकफुट पर, केस खत्म करने की जुगलबंदी

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में उम्मीदवारों क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Sep 2018 03:00 AM (IST) Updated:Thu, 13 Sep 2018 03:00 AM (IST)
बीटेक छात्र बैकफुट पर, केस खत्म करने की जुगलबंदी
बीटेक छात्र बैकफुट पर, केस खत्म करने की जुगलबंदी

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में उम्मीदवारों के अपहरण करने के मामले में बीटेक छात्रों का गुट बैकफुट पर आ गया है। अपहृत प्रत्याशियों के वापस लौटने के बाद बीटेक छात्र अपने बयान तक दर्ज कराने पुलिस के पास नहीं पहुंचे हैं। विश्वविद्यालय परिसर में चर्चा है कि भाजपा नेताओं की जुगलबंदी कामयाब होने के बाद बीटेक छात्र मुकदमा वापस लेने के लिए तैयार हो गए हैं। मुकदमा खत्म कराने के लिए दोनों गुटों के छात्र नेताओं के नैनीताल हाईकोर्ट पहुंचने की भी चर्चा है।

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में छात्र संघ का चुनाव लड़ रहे बीटेक छात्र मनीष कुमार और राहुल कटियार संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गए थे। उनके समर्थकों ने छात्र संघ अध्यक्ष विक्रम भुल्लर, पूर्व अध्यक्ष मनीष चौहान, चर्चित बालियान आदि अभाविप नेताओं पर अपहरण का आरोप लगाते हुए कनखल थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। अगले दिन दोनों उम्मीदवार नाटकीय घटनाक्रम के तहत वापस आ गए। यह मामला इतना तूल पकड़ा कि प्रशासन को चुनाव पर रोक लगानी पड़ी। इस बीच कुछ भाजपा नेता दोनों पक्षों में तालमेल बैठाने में जुट गए। जिसका नतीजा यह रहा कि बीटेक छात्र पुलिस के बार-बार बुलाने पर भी अपने बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे। अब चुनाव से रोक हटने पर दोनों पक्ष मुकदमा खत्म कराने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट गए हैं। विवि परिसर में ऐसी चर्चा है। वहीं बीटेक छात्र अगर बैकफुट पर हैं तो कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पहला सवाल यह है कि अगर उनके आरोप सही थे तो बयान दर्ज न कराकर आरोपितों का बचाव क्यों किया।

दूसरा सवाल यह है कि अगर अपहरण के आरोप झूठे लगाए गए थे तो छात्र संघ चुनाव को इतना विवादित क्यों बनाया गया। तीसरा सवाल पुलिस से भी है कि अगर आरोप सही हैं तो आरोपित छात्रों को गिरफ्तार करें और आरोप झूठे हैं तो पुलिस को गुमराह करने पर बीटेक छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं कनखल थाना प्रभारी ओमकांत भूषण ने बताया कि मुकदमे को लेकर छात्रों की आपसी सहमति की जानकारी नहीं है। बीटेक छात्र अभी तक अपने बयान दर्ज कराने भी नहीं आए हैं।

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