जांच में बैंक घोटाले की रकम का आंकड़ा पहुंचा 56 लाख

बैंक में गबन की रकम का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है। अन्य खातों से भी रकम ट्रांसफर करने की जानकारी जांच में सामने आने के बाद गबन की रकम 56 लाख तक पहुंच गई है

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 31 Jan 2020 02:29 PM (IST) Updated:Fri, 31 Jan 2020 02:29 PM (IST)
जांच में बैंक घोटाले की रकम का आंकड़ा पहुंचा 56 लाख
जांच में बैंक घोटाले की रकम का आंकड़ा पहुंचा 56 लाख

हरिद्वार, जेएनएन। पीएनबी घोटाले में गबन की रकम का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है। अन्य खातों से भी रकम ट्रांसफर करने की जानकारी जांच में सामने आने के बाद गबन की रकम 56 लाख तक पहुंच गई है। अभी रकम और बढ़ने की संभावना जांच अधिकारी जता रहे हैं। 

पंजाब नेशनल बैंक की निरंजनपुर शाखा में घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है। गबन की रकम का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। पहले बैंक के 16 हजार खातों में से पचास फीसद खातों की जांच में 45 लाख रुपये के गबन की जानकारी सामने आई थी, लेकिन कुछ अन्य खातों से भी रकम ट्रांसफर करने की बात सामने आने पर रकम का आंकड़ा 56 लाख तक पहुंच गया है। इसके और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। बैंक के शाखा प्रबंधक संजय कुणाल मेहता ने बताया अब तक 56 लाख रूपये की रकम ट्रांसफर करने की जानकारी सामने आई है। अन्य खातों की जांच के साथ ही दूसरे बैंकों से भी जानकारी मांगी गई है। 

लोन दिलाने के नाम पर 27 हजार हड़पने का आरोप 

एक मेडिकल स्टोर संचालक ने बैंक कर्मचारी समेत दो लोगों पर बैंक से लोन दिलाने के नाम पर 27 हजार रुपये हड़पने का आरोप लगाया है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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लक्सर कोतवाली के कुंआखेड़ा गांव निवासी विनोद कुमार ने एसीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि वह नगर में मेडिकल स्टोर चलाता है। करीब पांच महीने पहले उसकी दुकान पर उसका एक परिचित युवक अपने साथ एक युवक रिंकू को लेकर आया था। रिंकू का परिचय उसने आरबीएल बैंक, हरिद्वार के कर्मचारी के रूप में कराया था। उन्होंने उसकी दुकान पर उसे 15 लाख का लोन कराने की बात कही थी। 

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विनोद के अनुसार, आरोपितों ने उससे लोन कराने के नाम पर अलग अलग किश्तों में 27,200 रुपये ले लिए लेकिन इसके बाद भी उसका लोन नहीं हुआ। इस पर उसने आरोपितों से अपने पैसे वापस मांगे लेकिन उन्होंने उसके साथ गाली गलौज करते हुए पैसे वापस करने से इंकार कर दिया। पुलिस को शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर उसने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। 

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