गजब: चकबंदी विभाग का कारनामा सात दिन में बैनामा, दाखिल खारिज
अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चाओं में रहने वाले चकबंदी विभाग का एक ओर कारनामा सामने आया है। चकबंदी विभाग के अफसरों ने सात दिन में बैनामा और दाखिल खारिज कर दिया। मामला उजागर होने के बाद विभागीय अधिकारियों पर जवाब देते नहीं बन रहा है। वह मामले में जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।
जागरण संवाददाता, रुड़की: अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चाओं में रहने वाले चकबंदी विभाग का एक ओर कारनामा सामने आया है। चकबंदी विभाग के अफसरों ने सात दिन में बैनामा और दाखिल खारिज कर दिया। मामला उजागर होने के बाद विभागीय अधिकारियों पर जवाब देते नहीं बन रहा है। वह मामले में जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।
रहमतपुर गांव में दिल्ली-हरिद्वार के लिए बाईपास बनना है। इस बात की जानकारी मिलने के बाद से यहां पर भू कारोबारी बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद फरोख्त कर रहे हैं। इस गांव में ग्राम पंचायत की सरकारी जमीन भी पड़ी हुई है। भू कारोबारी को लाभ पहुंचाने के लिए चकबंदी विभाग ने जमीन का बैनामा एक व्यक्ति को कर दिया। आरटीआइ कार्यकत्र्ता जगजीवन राम ने बताया कि 9 अप्रैल 2021 को एक फाइल चकबंदी विभाग के दफ्तर में जमा कर दी गई। उसको 16 अप्रैल को संबंधित व्यक्ति के नाम कर दिया। इसके बाद 19 अप्रैल को उसका दाखिल खारिज तक कर दिया। जबकि दाखिल खारिज से पहले फाइल को चकबंदी कोर्ट में जाना चाहिए था, यदि किसी को आपत्ति होती तो वह अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता था। इस मामले में जिला बंदोबस्त अधिकारी के भी हस्ताक्षर है। इस संबंध में जिला बंदोबस्त अधिकारी दीवान सिंह नेगी ने बताया कि मामला संज्ञान में है। विभागीय त्रुटि हुई है, उसको ठीक कर लिया जाएगा। एसआइटी जांच नहीं हो सकी पूरी
रुड़की: इस मामले को उजागर करने वाले जगजीवन राम ने बताया कि उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री से शिकायत की है। इसके अलावा दो साल पहले भी उन्होंने चकबंदी विभाग के अफसरों पर एक मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी की ओर से जांच की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। डीएम भी कर चुके हैं विभाग पर तल्ख टिप्पणी
रुड़की: जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे भी चकबंदी विभाग को लेकर सख्त टिप्पणी तहसील दिवस में कर चुके है। उन्होंने कहा था कि जिस गांव में चकबंदी होती है वहां पर कई साल तक डाका भी नहीं पड़ता है। इसलिए उन्होंने चकबंदी विभाग को कार्यशैली में सुधार के निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि रहमतपुर गांव का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। वह मामले की जांच कराएंगे।