और हमने तो मोहब्बत में तुझे खोया था..
आल इंडिया कवि/ मुशायरा सम्मेलन में शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश कर श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। साथ ही उन्हें देर तक कार्यक्रम स्थल तक बांधे रखा।
जागरण संवाददाता, रुड़की: आल इंडिया कवि/ मुशायरा सम्मेलन में शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश कर श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। साथ ही उन्हें देर तक कार्यक्रम स्थल तक बांधे रखा।
अंजुमन ऊरूजे अदब की ओर से नगर निगम सभागार में सर सैयद अहमद खान के जन्मदिन के मौके पर आल इंडिया कवि/ मुशायरा सम्मेलन आयोजित किया गया। हिदुस्तान की मशहूर शायरा मुमताज नसीम ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत कर कवि सम्मेलन का आगाज किया। शायर मोईन शादाब ने सर सैयद अहमद खान को याद करते हुए अपना कलाम कुछ इस तरह पेश किया कि 'गुम अगर सुई भी हो जाए तो दुख होता है और हमने तो मोहब्बत में तुझे खोया था।' शायर एजाज अंसारी ने भी अपना कलाम कुछ इस तरह पेश किया, 'मैं तेरे साथ जमाने से लड़ सकता हूं मगर मैं तुझसे बिछड़ते ही हार जाऊंगा।' रुड़की नगर के युवा शायर अल्तमश अब्बास ने अपना कलाम पेश करते हुए कहा कि 'इश्क था, इश्क भला कैसे गवारा करते ये कोई शादी नहीं थी जो दोबारा करते।' इनके अलावा डॉ. नदीम शाद, काशिफ रजा, असरार चंदेरी, मयंक वर्मा, वसीम राजोपुरी, शाइस्ता सना, शहजादा गुलरेज रामपुरी आदि शायरों ने भी कलाम पेश कर देर रात तक श्रोताओं को बांधे रखा। इससे पहले सम्मेलन का आरंभ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, विधायक देहरादून हरबंस कपूर, कांग्रेस नेता हंसराज सचदेवा, इंजीनियर शादाब आलम, पूर्व राज्य मंत्री विजय सारस्वत, एमपी सहारनपुर हाजी फजलुर्रहमान और हंस फाउंडेशन के उत्तराखंड प्रभारी पदमिद्र सिंह बिष्ट ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता इंजीनियर शादाब आलम ने की। इस मौके पर विधायक देशराज कर्णवाल, कवि सम्मेलन के संयोजक शायर कयूम बिस्मिल, भाजपा नेत्री शमा साबरी, डॉ. एनडी अरोड़ा, विद्युत विभाग के पूर्व महाप्रबंधक इकबाल आजर, अमजद उस्मानी, कांग्रेस कमेटी रुड़की के अध्यक्ष कलीम खान, रुखसाना इकबाल, अनुज जैन, पार्षद मोहसीन अल्वी, सैयद हुसैन, इंजीनियर मोहम्मद मुबाशिर आदि उपस्थित रहे।