कमेटी बने दो साल बीत गए पर नहीं बना वेंडिंग जोन
शहर में वेंडिग जोन सपना बनकर रह गया है। दो सालों में आठ बैठकें हो चुकी हैं लेकिन नतीजा शून्य है। वेंडिग जोन न बनने से शहर में अतिक्रमण और जाम की समस्या दूर नहीं हो रही है और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
संवाद सहयोगी, रुड़की: शहर में वेंडिग जोन सपना बनकर रह गया है। दो सालों में आठ बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन नतीजा शून्य है। वेंडिग जोन न बनने से शहर में अतिक्रमण और जाम की समस्या दूर नहीं हो रही है और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नगर निगम रुड़की की ओर से वर्ष नवंबर 2017 में टाउन वेंडिग कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी का मुख्य उद्देश्य लघु व्यापारियों का विकास कर शहर को अतिक्रमण मुक्त कराना था। इसके लिए नगर निगम ने रेहड़ी पर फल सब्जी और ठीये लगाकर सामान बेचने वालों का बायोमैट्रिक सर्वे भी कराया। जिसमें करीब 2900 लोगों के नाम सामने आए। इनके लिए शहर में पांच स्थानों पर वेंडिग जोन बनाने की बात कही गई। पिछले साल वेंडिग जोन के लिए 950 लघु व्यापारियों ने नगर निगम में रजिस्ट्रेशन भी कराया। लेकिन वेंडिंग जोन की दिशा में काई भी ठोस काम नहीं हुआ।
बीते 16 दिसंबर को नगर निगम वेंडिग जोन के लिए टीवीसी की बैठक हुई। इसमें उद्योगशाला रोड और गणेशपुर से रेलवे स्टेशन को जाने वाले मार्ग पर वेंडिग जोन बनाने का निर्णय लिया गया, लेकिन अभी तक इस ओर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। लघु व्यापार एसोसिएशन के अध्यक्ष सूरज पंवार ने बताया कि टीसीवी को बने दो साल बीत चुके है, पर अभी तक इसका कोई लाभ लघु व्यापारियों को नही मिल पाया है। पिछले माह 16 दिसंबर को जो बैठक हुई थी वह 10 माह बाद हुई थी। जबकि हर तीन माह के भीतर टीवीसी की बैठक होनी चाहिए। इस बैठक को हुए एक माह से अधिक समय हो चुका है। वेंडिग जोन को लेकर केवल फाइलों में ही काम हो रहा है। वहीं, नगर आयुक्त नूपुर वर्मा ने बताया कि दो वेंडिग जोन के लिए सहमति हो चुकी है। इन पर काम शुरू कराया जाएगा।