झूठे मुकदमे के बाद जेल में हत्या कराने का आरोप

जेल में हुई गबन के आरोपित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के कर्मचारी की मौत के मामले में नया मोड़ आया है। मृतक के बेटे ने आरोप लगाया कि आइआइटी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जेल कर्मचारियों के साथ मिलकर उसके पिता की हत्या की है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 08:20 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 08:20 PM (IST)
झूठे मुकदमे के बाद जेल में हत्या कराने का आरोप
झूठे मुकदमे के बाद जेल में हत्या कराने का आरोप

जागरण संवाददाता, रुड़की: जेल में हुई गबन के आरोपित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के कर्मचारी की मौत के मामले में नया मोड़ आया है। मृतक के बेटे ने आरोप लगाया कि आइआइटी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जेल कर्मचारियों के साथ मिलकर उसके पिता की हत्या की है। इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक को शिकायती पत्र दिया है।

पिछले साल 11 दिसंबर को आइआइटी रुड़की के रजिस्ट्रार प्रशांत गर्ग ने अपने ही संस्थान के डीन आफिस में तैनात क्लर्क धीरज उपाध्याय निवासी पटरेहा, थाना पडरौना, जिला कुशीनगर, उप्र हाल निवासी भंगेड़ी पर संस्थान के खाते में हेराफेरी कर एक करोड़ पांच लाख रुपये से अधिक का गबन करने का मुकदमा कोतवाली में दर्ज कराया था। इस मामले में रुड़की कोतवाली पुलिस ने धीरज उपाध्याय को भंगेड़ी से 26 अक्टूबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एक माह बाद 26 नवंबर को खाना खाने के बाद अचानक ही धीरज उपाध्याय की तबीयत बिगड़ गई थी। सिविल अस्पताल में उपचार के दौरान चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। पुलिस ने शव कब्जे में लिया था। इस मामले में मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश जारी हुए थे। अब मृतक धीरज उपाध्याय के बेटे अंकुर कुमार ने पुलिस उपाधीक्षक रुड़की को एक शिकायती पत्र दिया है, जिसमें बताया कि उनके पिता को आइआइटी के अधिकारी जेल के अंदर भी डरा रहे थे। इसकी जानकारी जेलर को भी दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोप लगाया कि उसके पिता के खिलाफ आइआइटी के अधिकारी और कर्मचारियों ने साजिश के तहत झूठा मुकदमा दर्ज कराया था। बेटे ने आरोप लगाया कि उसके पिता की जेल के अंदर आइआइटी के अधिकारियों ने जेल कर्मचारियों के साथ मिलकर साजिश के तहत हत्या कराई है, जिससे कि वह जेल से बाहर आकर आइआइटी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करा दें। अंकुर कुमार ने इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले वह गंगनहर कोतवाली में भी शिकायत लेकर पहुंचे थे। इसकी एक प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग और डीजीपी को भी भेजी है। वहीं रुड़की उपकारागार के जेलर जेपी द्विवेदी ने धीरज उपाध्याय के बेटे के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

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ऋषिकेश के एम्स में हुआ था पोस्टमार्टम

रुड़की: रुड़की गंगनहर कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक संतोष कुमार पैथवाल ने बताया कि धीरज उपाध्याय का पोस्टमार्टम ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में कराया गया था, ताकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर किसी तरह का कोई सवाल न उठा सके। इससे पहले भी जेल में हुई मौत के पोस्टमार्टम ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल में हुए हैं।

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