कोविड के बाद भी उपलब्धियों भरा रहा एक वर्ष

कोविड-19 की चुनौतियों के बाद भी नगर निगम रुड़की का एक साल उपलब्धियों भरा रहा। रुड़की में कूड़े से बिजली बनाने वाले 75 करोड़ के प्लांट को हरी झंडी मिलने के साथ ही कई बड़े कार्य हुए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 08:22 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 08:22 PM (IST)
कोविड के बाद भी उपलब्धियों भरा रहा एक वर्ष
कोविड के बाद भी उपलब्धियों भरा रहा एक वर्ष

संवाद सहयोगी, रुड़की: कोविड-19 की चुनौतियों के बाद भी नगर निगम रुड़की का एक साल उपलब्धियों भरा रहा। रुड़की में कूड़े से बिजली बनाने वाले 75 करोड़ के प्लांट को हरी झंडी मिलने के साथ ही कई बड़े कार्य हुए। इसमें आवारा पशुओं के लिए गो सदन एवं एनीमल बर्थ कंट्रोल सेंटर बनाए जाने सहित कई कार्य शामिल हैं।

नगर निगम रुड़की के बोर्ड का पिछले साल नवंबर में गठन हुआ था। तीन दिसंबर को बोर्ड का बीटी गंज में शपथ ग्रहण समारोह हुआ था। बोर्ड की एक बैठक के बाद ही कोरोना संकट गहरा गया था, जिसके चलते मार्च के तीसरे सप्ताह में लॉकडाउन लग गया। इस लॉकडाउन के दौरान निगम ने बेसहारा एवं मजबूरों को सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर भोजन उपलब्ध कराया। यही नहीं शहर की सड़कों, सार्वजनिक स्थल और गली-मोहल्लों को सैनिटाइजेशन कराया। लॉकडाउन में बाजार आदि बंद होने पर निगम ने नाले-नालियों की सफाई कराई। ट्रालियां भरकर प्रतिदिन नालों से सिल्ट निकाली गई। कूड़े से बिजली बनाए जाने वाले प्लांट के लिए निरंतर प्रक्रिया चलती रही। केंद्र से इस प्लांट को हरी झंडी मिल चुकी है। अब इसके लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। हॉट मिक्स प्लांट से कई सड़कों के बनाने का काम शुरू हुआ।

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राजस्व वसूली में पिछड़ा

रुड़की: कोरोना काल का सीधा असर नगर निगम की आय पर पड़ा। लॉकडाउन के चलते गृहकर वसूली शून्य रही। कार्यालय आदि खुलने पर वसूली के लिए प्रयास किए गए, जिसके चलते कुछ राजस्व वसूली हुई। लेकिन अभी तक भी वसूली पटरी पर नहीं आ पाई है।

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रैंक बढ़ी, लेकिन पायदान से एक कदम फिसला

रुड़की: भारत सरकार की ओर से कराए गए स्वच्छ सर्वेक्षण में रुड़की शहर को इस बार प्रदेश में दूसरा स्थान मिला। जबकि पिछले तीन सालों से हो रहे स्वच्छ सर्वेक्षण में रुड़की पहले स्थान में आता रहा। हालांकि ओवरऑल रैंक में रुड़की को बढ़त मिली।

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निगम ने खोया एक कोरोना योद्धा

रुड़की: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए नगर निगम कर्मचारियों ने दिनरात एक किए रखा। संक्रमित मरीज मिलने के बाद जिन क्षेत्रों को कंटेंमेंट जोन घोषित किया गया। निगम कर्मियों ने वहां पहुंचकर सैनिटाइजेशन किया। क्वारंटाइन सेंटरों को प्रतिदिन सैनिटाइज किया। हालांकि इसकी कीमत एक सफाई नायक की मौत के रूप में चुकानी पड़ी। कोरोना संक्रमित होने के चलते सफाई नायक दिनेश पिकी की मौत हो गई थी। यही नहीं निगम की नगर आयुक्त नूपुर वर्मा सहित निगम के 70 कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए।

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निगम की यह रही उपलब्धियां

-75 करोड़ का वेस्ट टू एनर्जी का प्लांट मिला

-आवारा पशुओं के लिए गो सदन

-एबीसी सेंटर

-आधुनिक ऑडिटोरियम

-चार हर्बल पार्क के लिए काम शुरू हुआ

-100 डबल आर्म पोल

-साढ़े तीन हजार स्ट्रीट लाइटें

-50 बड़े व 70 छोटे कूड़ेदान

-एक जेसीबी, पांच लोडर

-बड़े नालों की सफाई ठेके पर नहीं कर्मचारियों ने की

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कोरोना के कारण पूरा साल चुनौतियों से भरा रहा। लेकिन इसके बाद भी नगर निगम अधिकारियों और कर्मचारियों ने बेहतर कार्य किया। पार्षदों का भी अच्छा सहयोग मिला। कई बड़े कार्य होने से शहर को इसका काफी लाभ मिलेगा।

गौरव गोयल, महापौर, नगर निगम रुड़की

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कोरोना काल में नगर निगम का एक अलग ही रूप दिखाई दिया। शहर की सफाई के अलावा समाज सेवा का भी परिचय दिया। कोरोना योद्धाओं के रूप में निगम सफाई कर्मचारियों ने दिन-रात एक किये रखा। कोविड की गाइडलाइन को ध्यान में रखते ऑफिशियल कार्य भी निरंतर चलते रहे, जिससे विकास कार्यों में निगम आगे रहा।

नुपूर वर्मा, नगर आयुक्त, नगर निगम रुड़की।

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