कोल्ड ड्रिक कंपनी को 5.69 लाख रुपये लौटाने के आदेश

व्यापारी से एडवांस पैसा लेने के बावजूद पूरे माल का स्टॉक नहीं भेजने के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने कोल्ड ड्रिक कंपनी को व्यापारी को बकाया 5.69 लाख रुपये की रकम मय 6 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने के आदेश दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Mar 2021 08:35 PM (IST) Updated:Thu, 25 Mar 2021 08:35 PM (IST)
कोल्ड ड्रिक कंपनी को 5.69  लाख रुपये लौटाने के आदेश
कोल्ड ड्रिक कंपनी को 5.69 लाख रुपये लौटाने के आदेश

संवाद सूत्र, लक्सर: व्यापारी से एडवांस पैसा लेने के बावजूद पूरे माल का स्टॉक नहीं भेजने के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने कोल्ड ड्रिक कंपनी को व्यापारी को बकाया 5.69 लाख रुपये की रकम मय 6 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने के आदेश दिए हैं। फोरम ने कंपनी को वादी को 5 हजार रुपये भी वाद खर्च के रूप में देने के आदेश दिए हैं।

लक्सर के शिवपुरी कालोनी निवासी नीरज बंसल ने जिला उपभोक्ता आयोग में थिक फेस प्रोफेसर प्राइवेट लिमिटेड शिकोहाबाद उत्तर प्रदेश फर्म के विरुद्ध एक वाद दायर किया था। नीरज के मुताबिक उन्होंने उपरोक्त फर्म से कोल्ड ड्रिक की होल सेल एजेंसी ली थी। इसके लिए उनके और कंपनी के एमडी दिनेश मुदगल निवासी शिकोहाबाद, सेल्स एरिया मैनेजर सत्येंद्र गौड़ और मोहम्मद मोहसीन निवासी भारतनगर रुड़की के साथ नियमानुसार एग्रीमेंट हुआ था। इसके मुताबिक ही उन्होंने जून 2019 में कोल्ड ड्रिक का स्टॉक मंगाने के लिए इलाहाबाद बैंक के माध्यम से कंपनी को 11.5 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान किया था। यह रकम उन्होंने कंपनी के खाते में जमा की थी। रकम जमा कराने के बाद कंपनी ने उन्हें 5.80 लाख रुपये का माल भेज दिया था। इसके कुछ दिन बाद जब कंपनी से उन्होंने बाकी रकम का माल भेजने के लिए कहा तो कंपनी ने माल नहीं भेजा और उन्हें माल की आपूर्ति पर रोक लगने की जानकारी अधिकारियों ने दी। कुछ दिन इंत•ार करने के बाद उन्होंने माल न भेजने पर अपनी बकाया रकम 5.69 लाख वापस करने को कहा । लेकिन कंपनी ने रकम भी वापस नहीं की, जिसके बाद उन्होंने कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग में वाद दायर किया था। नीरज बंसल ने बताया कि सुनवाई के बाद आयोग ने उनकी शिकायत को सही मानते हुए कंपनी को एक माह के भीतर 5.69 लाख की बकाया रकम मय 6 फीसदी ब्याज के साथ वादी को वापस करने के आदेश पारित किए। इसके अलावा कंपनी को वाद खर्च और क्षतिपूर्ति के तौर पर 5 हजार रुपये बतौर हर्जाना अदा करने के आदेश भी दिए हैं।

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