शहर के 4.5 हजार उपभोक्ताओं पर 4.5 करोड़ पानी का बकाया

शहर के 37 हजार पेयजल उपभोक्ताओं में से साढ़े चार हजार उपभोक्ता ऐसे हैं जिन पर दस हजार से अधिक का बकाया है। इन उपभोक्ताओं पर कुल जलमूल्य अवशेष साढ़े चार करोड़ और सरचार्ज 1.10 करोड़ है। ऐसे बकायादारों के लिए खबर राहत भरी है। 31 मार्च 2022 तक जलमूल्य और सीवर मूल्य का एक मुश्त भुगतान करने पर विलंब शुल्क की धनराशि शत प्रतिशत माफ होगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 08:20 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 08:20 PM (IST)
शहर के 4.5 हजार उपभोक्ताओं  पर 4.5 करोड़ पानी का बकाया
शहर के 4.5 हजार उपभोक्ताओं पर 4.5 करोड़ पानी का बकाया

मनीष कुमार, हरिद्वार : शहर के 37 हजार पेयजल उपभोक्ताओं में से साढ़े चार हजार उपभोक्ता ऐसे हैं जिन पर दस हजार से अधिक का बकाया है। इन उपभोक्ताओं पर कुल जलमूल्य अवशेष साढ़े चार करोड़ और सरचार्ज 1.10 करोड़ है। ऐसे बकायादारों के लिए खबर राहत भरी है। 31 मार्च 2022 तक जलमूल्य और सीवर मूल्य का एक मुश्त भुगतान करने पर विलंब शुल्क की धनराशि शत प्रतिशत माफ होगी।

जिले में जलसंस्थान के 75 हजार उपभोक्ता हैं। इनमें अकेले हरिद्वार शहर में 37 हजार उपभोक्ता हैं। 10 हजार रुपये से अधिक के 4.5 हजार बकायादारों पर जलमूल्य अवशेष 4.5 करोड़ और सरचार्ज 1.10 करोड़ बकाया चला आ रहा है। हैरत की बात यह कि कई दफा नोटिस के बाद भी लंबित देयकों के भुगतान में बकायादारों ने दिलचस्पी नहीं दिखायी। बहरहाल मुख्यमंत्री की घोषणा और 26 नवंबर के शासनादेश के क्रम में जलसंस्थान 31 मार्च 2022 तक जलमूल्य और सीवर शुल्क देयकों के एकमुश्त भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं से किसी तरह का विलंब शुल्क नहीं लेगा। इससे बड़े बकायादारों को खासी राहत मिलेगी। कहां कितना जलमूल्य अवशेष

हरिद्वार : विभागीय आंकड़ों के अनुसार लक्सर में दस हजार से अधिक के 236 बकायादार हैं। जिन पर जलमूल्य अवशेष 31.5 लाख और सरचार्ज 23 लाख बकाया है। वहीं लंढौरा में दस हजार से अधिक के 470 बकायादारों पर 82.5 लाख जलमूल्य अवशेष और 68.36 लाख सरचार्ज है। बात शिक्षानगरी रुड़की की करें तो यहां दस हजार से अधिक के बकायादारों पर 12 करोड़ जलमूल्य अवशेष और 5.5 करोड़ सरचार्ज बकाया चला आ रहा है। एनएबीएल मान्यता प्राप्त लैब में कराएं पानी की जांच

हरिद्वार : यदि पानी में किसी भी प्रकार की अशुद्धि की आशंका है तो इसकी जांच अब नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फार टेस्टिग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) से मान्यता प्राप्त लैब से करायी जा सकती है। जिला और प्रदेश के अंतर्गत इकलौता लैब जलसंस्थान मायापुर के पास संचालित है। जहां जिले के विभिन्न पेयजल स्त्रोतों की जांच करायी जा सकती है। यहां कुल 13 प्रकार की जांच की जाती है। इच्छुक व्यक्ति या संस्था निर्धारित शुल्क जमा कर अपने पेयजल नमूनों की जांच करा सकते हैं। विभाग की ओर से ब्लाक स्तरीय प्रयोगशाला स्थापित करने की दिशा में भी कार्य चल रहा है।

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31 मार्च 2022 तक जलमूल्य और सीवर शुल्क देयकों के एकमुश्त भुगतान की दशा में विलंब की धनराशि शत प्रतिशत माफ की जाएगी। हरिद्वार के अलावा रामनगर ज्वालापुर, रुड़की, लक्सर और शिवालिक नगर के सहायक अभियंताओं को योजना का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार के निर्देश दिए हैं।

मदन सैन, अधिशासी अभियंता, जलसंस्थान अनुरक्षण खंड, हरिद्वार

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