हरिद्वार के होटल और धर्मशालाओं में रुके हैं 35 हजार यात्री
जिले में मौसम के रेड अलर्ट को देखते हुए प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर रहा। पूरे दिन गंगा के जलस्तर पर निगरानी रखी गई। हालांकि गंगा खतरे के निशान से करीब तीन मीटर नीचे बहती रही। इससे प्रशासन ने राहत की सांस ली।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जिले में मौसम के रेड अलर्ट को देखते हुए प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर रहा। पूरे दिन गंगा के जलस्तर पर निगरानी रखी गई। हालांकि गंगा खतरे के निशान से करीब तीन मीटर नीचे बहती रही। इससे प्रशासन ने राहत की सांस ली। इधर, चारधाम यात्रा पर न जाने की प्रशासन की अपील के बाद बड़ी संख्या में यात्री हरिद्वार के होटल, आश्रम और धर्मशालाओं में डेरा डाले हुए हैं। करीब 35 हजार यात्री फिलवक्त हरिद्वार में रुके हैं। जिला प्रशासन ने होटल संचालकों को यात्रियों से 20 फीसद छूट के साथ किराया वसूलने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विभाग की ओर से सोमवार को पर्वतीय और मैदानी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई थी। इसके चलते प्रशासन सतर्क रहा। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय के निर्देश पर एडीएम के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम ने गंगा के तटीय इलाकों के अलावा अन्य क्षेत्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। एसडीएम पूरण सिंह राणा ने हरकी पैड़ी समेत शहर के विभिन्न स्थलों का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। साथ ही ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिए। गंगा घाटों पर मौजूद व्यक्तियों को दूर रहने की चेतावनी दी गई। रेलवे स्टेशन, हरकी पैड़ी, चंडी पुल, रानीपुर मोड़, भीमगोड़ा आदि क्षेत्रों के निरीक्षण के दौरान भीमगोड़ा बैराज पर गंगा में नहाते मिले बच्चों को बाहर निकलवाने के साथ ही इस लापरवाही के लिए वहां तैनात कर्मियों की जमकर क्लास ली। साथ ही उन्होंने गंगा किनारे घाटों पर जाने से बचने की सलाह दी। निरीक्षण के दौरान यात्रियों को बारिश में बाहर न निकलने की सलाह दी गई। कहा कि वह जिस होटल, आश्रम या धर्मशाला में रुके हैं, वहीं सुरक्षित रहें। उन्होंने व्यापारियों से यात्री और श्रद्धालुओं से अच्छा व्यवहार करने और उनसे अधिक पैसे न वसूलने को कहा। जिला पर्यटन विकास अधिकारी सीमा नौटियाल के अनुसार बारिश के रेड अलर्ट को देखते हुए तमाम यात्रियों ने फिलहाल चारधाम यात्रा स्थगित कर दी है। फिलवक्त विभिन्न होटल, आश्रम और धर्मशालाओं में करीब 30 से 35 हजार यात्री रुके हैं। वहीं मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद यात्रियों के हरिद्वार पहुंचने का क्रम जारी रहा। --------------
हरिद्वार में दो दिन में 55 एमएम बारिश, जनजीवन अस्त-व्यस्त: शहर और आसपास के क्षेत्रों में दो दिन में करीब 55 एमएम बारिश हुई। बारिश के चलते दिन में भी ठंड का एहसास हुआ। अधिकतम तापमान 30 डिग्री और न्यूनतम 18.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इधर, बारिश के चलते शहर के निचले इलाकों में पानी भरने से आवागमन में दिक्कतें हुई। कीचड़ और फिसलन ने मुश्किलें बढ़ाई। दफ्तरों में भी आम दिन की अपेक्षा कम उपस्थिति रही। बाजारों में भी अपेक्षित चहल-पहल नहीं दिखी।
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खतरे के निशान से करीब तीन मीटर नीचे बहती रही गंगा: शाम पांच बजे तक गंगा का जलस्तर 291.15 मीटर रहा। वहीं गंगा में फिलवक्त 39753 क्यूसेक पानी चल रहा है। गंगा का चेतावनी स्तर 293, जबकि खतरे का निशान 294 मीटर है। जिला आपदा कंट्रोल रूम के अनुसार सोमवार को हरिद्वार में आठ एमएम, रुड़की में 50 एमएम, भगवानपुर में 52 एमएम, लक्सर में 34 एमएम, रोशनाबाद में 19 एमएम बारिश रेकार्ड किया गया।