ऊर्जा निगम पर 35 हजार जुर्माना
गलत विद्युत बिल जारी करने के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने ऊर्जा निगम पर जुर्माना लगाया।
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: गलत विद्युत बिल जारी करने के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने ऊर्जा निगम का सात लाख 97 हजार 355 रुपये का बिल निरस्त करते हुए उसे संशोधित बिल भेजने तथा क्षतिपूर्ति के रूप में 25 हजार रुपये और खर्च के रूप में दस हजार रुपये शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं।
शिकायतकर्ता मैसर्स चौधरी आइस फैक्ट्री के मालिक सुंदर सिंह ने उत्तराखंड पावर कारपोरेशन, विद्युत वितरण खंड ग्रामीण रुड़की के अधिशासी अभियंता के खिलाफ शिकायत आयोग में दायर कराई थी, जिसमें कहा था कि शिकायतकर्ता ने अपनी आजीविका के लिए एक आइएस फैक्ट्री ग्राम मुंडेट में लगवाई हुई है। फैक्ट्री में विद्युत कनेक्शन के बिल को नियमित रूप से जमा करता आ रहा हैं। गत दिनों में एक लाख रुपये जमा कर विभाग से रसीद प्राप्त की थी। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि उक्त फैक्ट्री सीजनल है, क्योंकि नवंबर, दिसंबर व जनवरी में पूर्ण रूप से बंद रहती है, लेकिन आपत्ति के बावजूद विभाग एमआरआइ रीडिग के हिसाब से उक्त अवधि का गलत बिल भेजता रहा। कोरोना काल में फैक्ट्री का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पाया था। इसके बाद भी विभाग ने मार्च 2020 से नवंबर 2020 तक सात लाख 97 हजार 355 रुपये का गलत बिल भेज दिया था, जबकि शिकायतकर्ता लगातार विभाग के अधिकारियों से बंद अवधि का बिल नहीं भेजने की मांग करता चला रहा था। तब भी विभाग के अधिकारी उसे विद्युत कनेक्शन काटने की धमकी भी देने लगे थे। शिकायत पर सुनवाई के बाद आयोग अध्यक्ष कुंवर सैन तथा सदस्यों अंजना चड्डा व विपिन कुमार ने ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी पाया और उसके खिलाफ फैसला सुना दिया।