हौसले के आगे घुटने टेकता रोटी का संकट, इन युवाओं का फूड मोर्चा जरूरतमंदों का भर रहा पेट

करोना संकट काल ही नहीं बल्कि हर संवेदनशील मुद्दे पर तीर्थनगरीवासी हमेशा संवेदनशील रहे हैं। प्राकृतिक आपदा का समय रहा हो या फिर बेसहारा जरूरतमंदों की सहायता का समय रहा हो किसी न किसी रूप में वे देवदूत बनकर सामने आते रहे हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 03:34 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 03:34 PM (IST)
हौसले के आगे घुटने टेकता रोटी का संकट, इन युवाओं का फूड मोर्चा जरूरतमंदों का भर रहा पेट
हौसलों के आगे घुटने टेकता रोटी का संकट।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। करोना संकट काल ही नहीं, बल्कि हर संवेदनशील मुद्दे पर तीर्थनगरीवासी हमेशा संवेदनशील रहे हैं। प्राकृतिक आपदा का समय रहा हो या फिर बेसहारा जरूरतमंदों की सहायता का समय रहा हो किसी न किसी रूप में वे देवदूत बनकर सामने आते रहे हैं। इनके हौसले के आगे हर संकट को कई बार घुटने टेकने पड़े हैं। कोरोना संकट में हम बात कर रहे हैं युवाओं के उस समूह की, जिन्होंने फूड मोर्चा बनाकर विशेष रुप से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में भर्ती मरीजों के तीमारदारों को भोजन पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। 

फूड मोर्चा के प्रेरक स्थानीय जागरूक युवा विनीत जैन ने बीते वर्ष लॉकडाउन में कई जरूरतमंदों को अपने मित्रों की सहायता से राशन किट पहुंचाने का काम किया। इसके लिए उन्होंने विद्यालय में अपने बैच के 15 दोस्तों को चुना। इस काम में उनके हमसफर बने उनके बड़े भाई रवि कुमार जैन। श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में वर्ष 1995 बैच के उनके यह कर्मयोगी साथी उनके फूड मोर्चा से जुड़े।

इनमें दो मित्र ऐसे हैं, जो सिंगापुर और टैक्सास में रहकर मदद कर रहे हैं। कई साथी गाजियाबाद, दिल्ली, देहरादून में है। बीते वर्ष कोरोना संकट काल जब थम गया तो इनके फूड मोर्चा ने विश्राम ले लिया। अब जब फिर से कोरोना की दूसरी लहर हर तरफ हर किसी को प्रभावित कर रही है ऐसे में विनीत जैन और उनके इन साथियों ने फूड मोर्चा को फिर से सक्रिय कर दिय। फूड मोर्चा के नाम से उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप तैयार किया।

विनीत जैन ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में ओपीडी बंद है। कोरोना संक्रमित गंभीर रोगी बड़ी संख्या में वहां भर्ती है। इनके तीमारदार भी वहां मौजूद हैं। एम्स के बाहर सभी ढाबा और रेस्टोरेंट बंद है। ऐसे में उनके आगे भोजन का संकट पैदा हो गया। उन्होंने इस विषय पर एम्स के निदेशक प्रोफेसर रविकांत से बात की। उन्होंने इस काम में पूरा सहयोग दिया। इतना ही नहीं एम्स के भीतर तीमारदारों को भोजन वितरित करने के लिए निर्धारित गाइडलाइन के अनुरूप स्थान भी उपलब्ध कराया। विनीत जैन बताते हैं कि पिछले 15 दिनों से उन्होंने फूड मोर्चा के तहत तीमारदारों को भोजन देना शुरू किया।

एम्स के भीतर जहां गुरुद्वारा की ओर से लंगर लगाया जाता था, उस जगह से वह भोजन पैकेट जरूरतमंदों को सौंप रहे हैं। करीब डेढ़ सौ पैकेट प्रतिदिन यहां लग जाते हैं। फूड मोर्चा की टीम प्रतिदिन 250 पैकेट तैयार करती है। दोपहर एक बजे एम्स में भोजन वितरण से निवृत हो जाने के बाद यह टीम निकल पड़ती है मुख्य मार्ग पर। रास्ते में जो भी गरीब बेसहारा मिलता है उन्हें भोजन पैकेट दे दिया जाता है। फूड मोर्चा का यह सफर प्रतिदिन यात्रा बस अड्डा में जाकर समाप्त होता है। जहां उपस्थित जरूरतमंदों को यह टीम भोजन उपलब्ध कराती है। इस मुहीम से स्थानीय स्तर पर प्रदीप सिंह जस्सल, अर्पित कुकरेजा, अमर गुप्ता, अंकुर भारत कुकरेजा, प्रवेश कुमार, दीपक सोंधी, आलोक गुप्ता, वशीकरण शर्मा, सुमित मारवाह व निशांत अरोड़ा आदि जुड़कर अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं। 

इन स्थानों पर दी जा रही सेवा

ऋषिकेश एम्स- 12:30 -1:00 बजे

1:00 बजे से लगभग 2:30 बजे तक

शहर के विभिन्न स्थान, इंद्रमणि बडोनी चौक और ऋषिकेश बस अड्डा। 

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