Uttarakhand Politics: राजस्थान में लिखी गई यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी की पटकथा

भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी की राजस्थान में लिखी गई। राहुल गांधी से फोन पर बातचीत के बाद यशपाल आर्य ने विधायक पुत्र संजीव के साथ कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 07:43 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 07:43 AM (IST)
Uttarakhand Politics: राजस्थान में लिखी गई यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी की पटकथा
भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी की राजस्थान में लिखी गई।

विकास धूलिया, देहरादून। उत्तराखंड की भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी की पटकथा लगभग छह महीने से लिखी जा रही थी। हाल ही में राहुल गांधी से फोन पर हुई बातचीत के बाद यशपाल आर्य ने अपने विधायक पुत्र संजीव के साथ नवरात्र में कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया। महत्वपूर्ण बात यह कि इसमें सूत्रधार की भूमिका राजस्थान सरकार के एक मंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने निभाई, जो कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव के मामा हैं और यशपाल आर्य के पुराने मित्र भी।

यशपाल आर्य वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस से भाजपा में चले गए थे। दो बार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष रहे आर्य उस समय तत्कालीन हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। तब आर्य का यह कदम चौंकाने वाला रहा, क्योंकि उन्होंने इससे लगभग आठ महीने पहले मार्च 2016 में तब कांग्रेस नहीं छोड़ी, जब पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नेतृत्व में कांग्रेस के नौ विधायक एक साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने उन्हें और उनके पुत्र संजीव आर्य, दोनों को टिकट दिया। चुनाव जीत कर यशपाल आर्य कैबिनेट मंत्री बने।

पिछली बार की ही तरह ठीक विधानसभा चुनाव से पहले आर्य कांग्रेस में लौट आए लेकिन इसकी तैयारी महीनों पहले से शुरू हो गई थी। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अविभाजित उत्तर प्रदेश में जब यशपाल आर्य युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे, तब हल्द्वानी के एक कारोबारी राजेंद्र सिंह यादव उनके मित्र थे। बाद में यादव राजस्थान चले गए और राजनीति में सक्रिय हो गए। वर्तमान में वह राजस्थान की कांग्रेस सरकार में राज्य मंत्री हैं। इन्हीं राजेंद्र सिंह यादव ने कुछ महीने पहले यशपाल आर्य को घर वापसी के लिए तैयार किया।

सूत्रों के मुताबिक इसके बाद कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने आर्य की कांग्रेस में वापसी की मुहिम को अपने हाथ में ले लिया। लगभग पांच महीने पहले देवेंद्र यादव ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से यशपाल आर्य की फोन पर बात कराई। इस बीच कुछ वक्त के लिए बातचीत का क्रम टूटा लेकिन फिर देवेंद्र यादव और पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने पहल कर बातचीत को आगे बढ़ाया।

सूत्रों का कहना है कि हरीश रावत ने आर्य से पुरानी शिकायतों के लिए बाकायदा खेद जताया और कांग्रेस को उनकी जरूरत का हवाला देते हुए घर लौटने का आग्रह किया। गौरतलब है कि वर्ष 2017 में आर्य के कांग्रेस छोड़ने का एक बड़ा कारण उनके तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत से मतभेद भी रहे थे। इसके बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने भी आर्य से संपर्क किया। लगभग दो सप्ताह पहले राहुल गांधी ने फिर आर्य से फोन पर बात कर उनकी ससम्मान कांग्रेस वापसी की राह प्रशस्त कर दी। इसके बाद ही नवरात्र के दौरान कांग्रेस में पुन: प्रवेश का कार्यक्रम तय हुआ। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने रविवार को कांग्रेस महासचिव व विधानसभा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को फोन कर सोमवार को आर्य के कांग्रेस में शामिल होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचने का आग्रह किया।

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