सिर्फ नौ मिनट में तय होगा खरसाली से यमुनोत्री धाम तक का सफर, नहीं चढ़नी पड़ेगी खड़ी चढ़ाई; यात्रा होगी सुगम

Yamunotri Yatra यमुनोत्री का सफर आने वाले दिनों में न सिर्फ सुगम होगा बल्कि उम्रदराज लोग भी वहां आसानी से पहुंच सकेंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार खरसाली से यमुनोत्री तक रोपवे निर्माण की कवायद तेज करने जा रही है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 07:54 AM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 07:54 AM (IST)
सिर्फ नौ मिनट में तय होगा खरसाली से यमुनोत्री धाम तक का सफर, नहीं चढ़नी पड़ेगी खड़ी चढ़ाई; यात्रा होगी सुगम
सिर्फ नौ मिनट में तय होगा खरसाली से यमुनोत्री धाम तक का सफर।

केदार दत्त, देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम में से एक यमुनोत्री का सफर आने वाले दिनों में न सिर्फ सुगम होगा, बल्कि उम्रदराज लोग भी वहां आसानी से पहुंच सकेंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार खरसाली से यमुनोत्री तक रोपवे निर्माण की कवायद तेज करने जा रही है। साढ़े तीन किलोमीटर लंबे इस रोपवे के बनने पर श्रद्धालु सिर्फ नौ मिनट में धाम तक पहुंच सकेंगे। अभी खरसाली से यमुनोत्री की दूरी पैदल तय करने में लगभग तीन घंटे का वक्त लगता है। 183 करोड़ की लागत वाली इस रोपवे परियोजना के लिए पर्यटन विभाग जल्द ही एक फर्म के साथ एग्रीमेंट की कार्रवाई करने जा रहा है।

पर्यटन व तीर्थाटन के मद्देनजर आवागमन को सुगम बनाने पर राज्य सरकार का खास फोकस है। इस दिशा में पौने पांच वर्षों में कई रोपवे परियोजनाओं को लेकर कदम बढ़ाए गए। इनमें देहरादून-मसूरी, कद्दूखाल-सुरकंडा देवी, तुलसीगाड- पूर्णागिरि, गौरीकुंड-केदारनाथ, घांघरिया- हेमकुंड साहिब जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इनके साथ ही लंबित रोपवे परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। इसी कड़ी में यमुनोत्री रोपवे को लेकर कसरत तेज की गई है।

दरअसल, यमुनोत्री धाम तक पहुंचने के लिए खरसाली से छह किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई तय करनी पड़ती है। इसे देखते हुए वर्ष 2008 में यमुनोत्री के लिए रोपवे का खाका खींचा गया। तब टेंडर हुए, मगर बात आगे नहीं बढ़ी। वर्ष 2010 में फिर पहल हुई और रोपवे निर्माण का जिम्मा एक फर्म को सौंपा गया। खरसाली में रोपवे के लिए चार हेक्टेयर भूमि ग्रामीणों ने पर्यटन विभाग को दी। वर्ष 2014 में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इसके लिए अनापत्ति जारी की। बाद में यात्रियों की आवाजाही कम होने की बात कहते हुए फर्म ने रोपवे निर्माण से हाथ खींच लिए थे। नतीजतन, बीते तीन साल से यह मामला लटका हुआ था।

सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार जून 2013 में आई आपदा और पिछले साल कोरोना संकट से निबटने के बाद इस बार कम समय में ही चारधाम यात्रा ठीक चली है तो इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। एक फर्म ने यमुनोत्री रोपवे के निर्माण में रुचि ली है और अब उससे एग्रीमेंट की कार्रवाई चल रही है।

उन्होंने बताया कि पूर्व में जिस फर्म को कार्य दिया गया था, उसके देयकों आदि का मामला लगभग निस्तारित होने को है। अब रोपवे निर्माण के मद्देनजर पूर्व में बनाई गई कंपनी नई फर्म को सौंपी जाएगी। प्रयास ये है कि पीपीपी मोड में बनने वाली यमुनोत्री रोपवे परियोजना पर इसी वित्तीय वर्ष में कार्य शुरू हो जाए। रोपवे बनने से यमुनोत्री जाने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों को सुविधा मिलेगी।

यह भी पढ़ें- Kedarnath Dham: दो लाख 42 हजार से ज्यादा यात्रियों ने किए बाबा केदार दर्शन, चारधाम यात्रा के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा

chat bot
आपका साथी