World Hypertension Day: कोरोना काल में मानसिक मजबूती आपका हथियार, जानिए मनोचिकित्सक की राय

World Hypertension Day कोरोनाकाल में मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा तेजी से उभरा है। कोरोना का भय और भविष्य की चिंता आमजन के दिमाग से नहीं निकल पा रही। ऐसे में लोग नकारात्मक विचारों से घिरते जा रहे हैं लेकिन इन विपरीत परिस्थितियों में मानसिक मजबूती ही सबसे बड़ा हथियार है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 09:52 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 09:52 AM (IST)
World Hypertension Day: कोरोना काल में मानसिक मजबूती आपका हथियार, जानिए मनोचिकित्सक की राय
कोरोना काल के विपरीत परिस्थितियों में मानसिक मजबूती ही सबसे बड़ा हथियार है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। World Hypertension Day कोरोनाकाल में मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा तेजी से उभरा है। कोरोना का भय और भविष्य की चिंता आमजन के दिमाग से नहीं निकल पा रही। ऐसे में लोग नकारात्मक विचारों से घिरते जा रहे हैं, लेकिन इन विपरीत परिस्थितियों में मानसिक मजबूती ही सबसे बड़ा हथियार है। मानसिक मजबूती ही आपको कोरोना और इससे पैदा हुए हालात से लड़ने में मदद करेगी। 

विशेषज्ञों के मुताबिक, भय और अनिश्चितता का यह माहौल मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है। बच्चे अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं तो किसी को नौकरी व कॅरियर की चिंता सता रही है। किसी पर वित्तीय स्थिति ठीक करने का तनाव है। यह चिंता कई बार अवसाद का रूप ले लेती है। साथ ही इससे हाइपरटेंशन का खतरा भी बढ़ने लगता है। इसलिए अगर कभी तनाव का अहसास हो तो बिना समय गंवाए मनोचिकित्सक से बात करें और खुलकर अपनी परेशानी शेयर करें। 

यह हैं अवसाद के प्रमुख कारक

घबराहट, संक्रमण का भय, अत्यधिक बेचैनी, निरंतर आश्वासन की मांग करते रहने वाला व्यवहार, नींद न आना, अधिक चिंता करना, बेसहारा महसूस करना और आर्थिक मंदी की आशंका आदि। 

मनोचिकित्सक की राय डॉ. सोना कौशल गुप्ता (न्यूरो साइकोलॉजिस्ट) का कहना है कि समझें कि आपकी सबसे प्यारी चीज आप खुद हैं। कोई स्वजन, मित्र, दौलत, प्रतिष्ठा या नौकरी जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन उतना नहीं, जितना आपका खुद का जीवन। आपका जीवन ही एकमात्र ऐसी चीज है, जिसे आप दोबारा नहीं पा सकते। इसलिए खुद को हमेशा सबसे महत्वपूर्ण समझें।

समस्या में न हों विचलित

मनोवैज्ञानिक डॉ. मुकुल शर्मा का कहना है कि किसी भी समस्या में विचलित नहीं होना चाहिए। समस्या को स्वीकार करें और फिर उसका हल तलाशें। अवसाद में किसी भी व्यक्ति का आत्मबल कमजोर पड़ जाता है। ऐसे में परिवार और दोस्त किसी भी इंसान को बहुत मानसिक संबल दे सकते हैं।

ऐसे दूर करें तनाव

खुद को मानसिक रूप से मजबूत करना जरूरी है। यह सोचिए कि सबकुछ ठीक होगा और पूरी दुनिया इसी कोशिश में जुटी है। बस धैर्य के साथ इंतजार करें। अपने रिश्तों को मजबूत करें। छोटी-छोटी बातों का बुरा न मानें। एक दूसरे से बात करें और परिवार के सदस्यों का ख्याल रखें। घर से बाहर तो नहीं निकल सकते पर घर की छत, खिड़की, बालकनी या बगीचे में आकर खड़े हों। सूरज की रोशनी में अच्छा महसूस होता है। अपनी दिनचर्या को बनाए रखें। इससे आप सामान्य महसूस करेंगे। समय पर सोना, जागना, खाना व व्यायाम आदि करें। खाली समय का इस्तेमाल अपनी हॉबी को पूरा करने में करें। ऐसा काम करें जो आप समय न मिलने के कारण नहीं कर पाए हैं। अपनी भावनाओं को जाहिर करें। अगर डर या उदासी है तो उसे छिपाएं नहीं। बल्कि स्वजनों के साथ शेयर करें। बुरे वक्त में भी अच्छे पक्षों की तरफ गौर करना चाहिए। जैसे कफ्र्यू है, महामारी है, पर आप परिवार के साथ हैं।

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