World Heart Day 2020: कम उम्र में बीमार हो रहा दिल, थम रही धड़कन; इन बातों का रखें ख्याल

World Heart Day 2020 जिस हृदय रोग को पहले बुजुर्गों की बीमारी कहा जाता था वह अब युवाओं को भी चपेट में ले रहा है। स्वस्थ दिखने वाले युवाओं की भी दिल के दौरे के कारण अचानक मौत होने लगी है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 09:13 PM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 11:43 PM (IST)
World Heart Day 2020: कम उम्र में बीमार हो रहा दिल, थम रही धड़कन; इन बातों का रखें ख्याल
कम उम्र में बीमार हो रहा दिल, थम रही धड़कन।

देहरादून, जेएनएन। World Heart Day 2020 जब तक दिल की धड़कन चलती है, तभी तक इंसान की जिंदगी रहती है। इससे हम समझ सकते हैं कि हृदय हमारे शरीर का कितना अहम हिस्सा है। पर जिस हृदय रोग को पहले बुजुर्गों की बीमारी कहा जाता था, वह अब युवाओं को भी चपेट में ले रहा है। स्वस्थ दिखने वाले युवाओं की भी दिल के दौरे के कारण अचानक मौत होने लगी है। इसकी वजह है अव्यवस्थित जीवनशैली, तनाव और प्रदूषण।    

वेलमेड हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. चेतन शर्मा कहते हैं कि पहले दिल की बीमारी से पीड़ित पिता को उसके बेटे इलाज के लिए अस्पताल लेकर आते थे। लेकिन, अब यह देखकर आश्चर्य होता है कि पिता दिल की बीमारी से पीड़ित बेटे को इलाज के लिए अस्पताल लाता है। इसके लिए खराब जीवनशैली, धूमपान, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप और डायबिटीज को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जाता है। उन्होंने बताया कि हाल के कुछ वर्षों में कार्डियक ओपीडी में भी युवा मरीजों की तादाद बढ़ी है। हाल ही में एक 20 वर्षीय युवा हृदय संबंधी शिकायत लेकर अस्पताल आया था। उसे तीन-चार दिन तक चिकित्सकों की निगरानी में रखना पड़ा। 

अब उसका इलाज दवाइयों की मदद से चल रहा है। इसके अलावा भी कई मामले आए हैं। हाल ही में हृदय रोग के चलते 32 वर्षीय एक व्यक्ति को पेसमेकर लगाया गया, जबकि 36 साल के युवक की एंजियोप्लास्टी की गई है। उसकी 90 प्रतिशत नाड़ी ब्लॉक हो चुकी थी। इस समस्या का समाधान यही है कि हम अपनी जीवन शैली में व्यापक बदलाव लाएं। इसके साथ ही मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों को नियमित अंतराल पर अपना चेकअप कराना चाहिए।

हृदय रोग के मुख्य लक्षण

-छाती में बायीं ओर या छाती के बीच में दर्द और दबाव महसूस होना।

-सांस तेज चलना, पसीना आना, छाती में दर्द के साथ पेट में जलन।

-पेट भारी लगना, उल्टी होना और शारीरिक कमजोरी महसूस होना।

-घबराहट और बेचैनी महसूस करना।

-मधुमेह रोगियों को दर्द या बिना दर्द के भी हृदय रोग का आघात हो सकता है।

इतने प्रकार के होते हैं हृदय रोग

हृदयाघात, रुमेटिक हृदय रोग, जन्मजात खराबियां, हृदय की विफलता, पेरिकार्डियल बहाव।

इन बातों का रखें ख्याल

-सेहतमंद जिंदगी के लिए नियमित व्यायाम करें।

-अपनी दिनचर्या में योग और वॉक को शामिल करें।

-रोजाना दस हजार कदम चलना बहुत जरूरी है।

-अपने आहार पर विशेष ध्यान दें, नमक और वसा कम मात्रा में लें।

-खानपान में ताजे फल और सब्जियों को शामिल करें।

-तनावमुक्त जीवन जियें। तनाव अधिक होने पर योग व ध्यान का सहारा लें।

-धूमपान न करें। यह हृदय के साथ ही कई बीमारियों का कारक है।

-स्वस्थ शरीर और दिल के लिए भरपूर नींद लें।

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