यहां बिना स्टाफ सुस्त पड़ी एड्स के खिलाफ लड़ाई, ज्यादातर लटका रहता है ताला; दवा के लिए भटकते हैं मरीज

World AIDS Day 2021 एंटी रिट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर (Retroviral Therapy Center) का मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। सेंटर को खुले हुए एक साल हो चुका है लेकिन अभी तक यहां स्टाफ नहीं मिल पाया है। सेंटर में केवल एक फार्मेसिस्ट तैनात है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 10:36 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 10:36 AM (IST)
यहां बिना स्टाफ सुस्त पड़ी एड्स के खिलाफ लड़ाई, ज्यादातर लटका रहता है ताला; दवा के लिए भटकते हैं मरीज
रुड़की सिविल अस्पताल में एआरटी सेंटर पर लटका ताला। जागरण।

दीपक मिश्रा, रुड़की। World AIDS Day 2021 एचआइवी संक्रमित मरीजों (HIV Infected) के लिए खोला गया एंटी रिट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर (Retroviral Therapy Center) का मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। सेंटर को खुले हुए एक साल हो चुका है, लेकिन अभी तक यहां स्टाफ नहीं मिल पाया है। सेंटर में केवल एक फार्मेसिस्ट तैनात है। इसके चलते अधिकांश समय सेंटर पर ताला लटका रहता है और मरीज दवा के लिए भटकते रहते हैं।

सिविल अस्पताल रुड़की में पिछले साल एक दिसंबर को एचआइवी संक्रमित मरीजों की सुविधा के लिए एआरटी सेंटर की शुरुआत की गई थी। शहर विधायक प्रदीप बत्रा ने सेंटर का उद्घाटन किया था, लेकिन स्टाफ न होने के चलते यह करीब नौ माह तक बंद रहा। करीब तीन माह पहले यहां एक फार्मेसिस्ट की तैनाती की गई, लेकिन सेंटर के मुताबिक स्टाफ की व्यवस्था नहीं की गई। ऐसे में एआरटी सेंटर का मरीजों को पूरी तरह से लाभ नहीं मिल पा रहा है। फार्मेसिस्ट के कहीं जाने या फिर छुट्टी पर होने के चलते भी यहां ताला लटका रहता है। मंगलवार को भी फार्मेसिस्ट के न होने के चलते सेंटर पर ताला लटका हुआ था। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. संजय कंसल ने बताया कि एआरटी सेंटर के लिए लगातार स्टाफ की मांग की जा रही है। स्टाफ की कमी के कारण यह दिक्कत आ रही है।

सेंटर से जुड़े हैं 200 मरीज

सिविल अस्पताल में खुले एआरटी सेंटर से करीब 200 मरीज जुड़े हैं। ये मरीज अस्पताल में आकर दवाएं लेते हैं। मरीजों की मानें तो एआरटी सेंटर जो सुविधाएं मिलनी चाहिए। वह उन्हें नहीं मिलती हैैं। दवा के लिए कम से कम दो या तीन फार्मेसिस्ट तैनात होने चाहिए ताकि यदि एक फार्मेसिस्ट छुट्टी पर हो तो कार्य बाधित न हो।

यह है स्थिति

एचआइवी मरीजों का ब्योरा

वर्ष,संख्या

2017-18,63

2018-19,65

2019-20,55

2020-21,33

2021-22,47 (अब तक)

संक्रमित दंपती का बच्चा भी संक्रमित

रुड़की निवासी एड्स पीड़ित एक दंपती का पांच साल का बच्चा भी एचआइवी संक्रमित है। हालांकि बच्चा पूरी तरह से सामान्य है, उसका उपचार शुरू कर दिया गया है। एड्स कंट्रोल कार्यक्रम की काउंसलर वेणू बडोनी ने बताया कि दंपती एचआइवी संक्रमित थे। इसके बाद बच्चे का जन्म हुआ। दंपती को बच्चे की जांच करानी चाहिए थी। लेकिन, उन्होंने यह जांच नहीं कराई। हाल ही में महिला जब दोबारा गर्भवती हुई तो उसकी एचआइवी जांच कराई गई तब वह पाजिटिव मिली। इसके बाद महिला के पांच वर्षीय बच्चे की भी एचआइवी जांच कराई गई, जिसमें वह संक्रमित मिला।

यह भी पढ़ें- थोड़ी सी सावधानी और डायबिटीज से बच सकते हैं आप, जानें- लक्षण और बचाव के तरीके; इनका जांच कराना जरूरी

chat bot
आपका साथी