जंगलों की आग पर प्रतिक्रिया देने में उत्तराखंड सबसे आगे

जंगलों की आग पर प्रतिक्रिया में उत्तराखंड राज्य पहले नंबर पर है और यहां से हर साल करीब छह हजार प्रतिक्रियाएं प्राप्त हो रही हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 03:57 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 03:57 PM (IST)
जंगलों की आग पर प्रतिक्रिया देने में उत्तराखंड सबसे आगे
जंगलों की आग पर प्रतिक्रिया देने में उत्तराखंड सबसे आगे

देहरादून, जेएनएन। जंगलों की आग को लेकर विभिन्न राज्यों के नोडल अधिकारियों की कार्यशाला में भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआइ) ने सभी अधिकारियों से प्रतिक्रिया देने को कहा है। जिससे सेटेलाइट से आग की घटनाओं की जो जानकारी मिल रही है, उसकी भलीभांति तस्दीक की जा सके। साथ ही यह जानकारी भी साझा की गई कि प्रतिक्रिया में कौन सा राज्य किस स्थान पर है। बताया गया कि उत्तराखंड इसमें पहले नंबर पर है और यहां से हर साल करीब छह हजार प्रतिक्रियाएं प्राप्त हो रही हैं। 

गुरुवार को कार्यशाला के समापन अवसर पर एफएसआइ के उप निदेशक ई विक्रम ने कहा कि नासा के सेटेलाइट और फिर नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (हैदराबाद) से आग की घटनाओं की जो जानकारी मिलती है, उसे संबंधित राज्यों को भेज दिया जाता है। ऐसे में नोडल अधिकारियों को बीट स्तर पर काम कर रहे वन कार्मिकों से प्रतिक्रिया लेनी चाहिए। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि जो सूचनाएं मिल रही हैं, वह कितनी सटीक हैं। इससे फॉरेस्ट फायर अलर्ट के सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। 

उप निदेशक ने कहा प्रक्रिया के मामले में उत्तराखंड के बाद उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है और यहां से करीब पांच हजार प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। जबकि शेष राज्य पांच-छह सौ तक प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। जबकि आग की घटनाओं के साथ प्रतिक्रिया देने को एक फार्म भी दिया जाता है। इसके अलावा कार्यशाला के अंतिम दिन फॉरेस्ट फायर अलट्र्स के वर्जन 3.0 पर विभिन्न तकनीकी जानकारी नोडल अधिकारियों को दी गई। इसके क्रम में अधिकारियों ने अपनी जिज्ञासा भी शांत की। इस अवसर पर एफएसआइ के महानिदेशक डॉ. सुभाष आशुतोष, संयुक्त निदेशक मीनाक्षी जोशी आदि उपस्थित रहे। 

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