जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर मंथन

मौसम चक्र और जलवायु परिवर्तन की चुनौती को लेकर वन विभाग मुख्यालय के मंथन सभागार में कार्यशाला आयोजित की गई इसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों ने जलवायु परिवर्तन की चुनौती और समस्या के समाधान को लेकर चर्चा की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 03:01 AM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 03:01 AM (IST)
जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर मंथन
जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर मंथन

जागरण संवाददाता, देहरादून: मौसम चक्र और जलवायु परिवर्तन की चुनौती को लेकर वन विभाग मुख्यालय के मंथन सभागार में कार्यशाला आयोजित की गई इसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों ने जलवायु परिवर्तन की चुनौती और समस्या के समाधान को लेकर चर्चा की।

बुधवार को गैर सरकारी संगठन पैरवी दिल्ली, यूडीआइ बनबसा और गति फाउंडेशन की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र को बतौर मुख्य अतिथि वन प्रमुख जयराज ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करने के साथ ही इसके समाधान के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जो भी सामाजिक संस्थाएं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करेंगी, उन्हें वन विभाग हरसंभव मदद करेगा। यूएन क्लाइमेट टेक्नोलॉजी सेंटर एंड नेटवर्क के बोर्ड सदस्य सौम्या दत्ता ने पहाड़ी क्षेत्रों में अनियमित विकास का मुद्दा उठाया। उन्होंने सड़क निर्माण का उदाहरण देते हुए कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में भी मैदानी क्षेत्रों की तर्ज पर सड़क निर्माण किया जा रहा है, जो हादसों को बढ़ावा दे रहा है। पैरवी के अजय झा ने धरती के लगातार बढ़ते तापमान पर चिंता जताते हुए इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत बताई।

दूसरे सत्र को यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल ने सतत विकास की अवधारणा को समझाया। वाडिया संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. पीएस नेगी, उत्तराखंड वन निगम के पूर्व प्रमुख एसटीएच लेप्चा, योजना विभाग की भारती जायसवाल, डब्ल्यूआइएचडी के विपिन चौहान, विज्ञान भारती के चेयरमैन डॉ. महेश भट्ट, उरेडा के विनीत मल्ल ने भी संबोधित किया। तीसरे सत्र को पर्यावरणविद् वीरेंद्र पैन्यूली, यूएनडीपी के सुब्रतो पॉल, वन विभाग क्लाइमेट चेंज सेल की तृप्ति जुयाल, हॉर्टिकल्चर मिशन के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. सुरेश राम, गति फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने संबोधित किया।

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