कार्मिकों ने दी 16 अगस्त से हड़ताल की चेतावनी, मांगों पर कार्रवाई न होने पर जताई नाराजगी

सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए विभिन्न विभागों के कार्मिकों ने आंदोलन का मन बना लिया है। 12 सूत्रीय मांग पर कार्रवाई न होने से नाराज कार्मिकों ने 16 अगस्त से प्रदेशव्यापी बेमियादी हड़ताल का एलान किया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 06:45 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 06:45 AM (IST)
कार्मिकों ने दी 16 अगस्त से हड़ताल की चेतावनी, मांगों पर कार्रवाई न होने पर जताई नाराजगी
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए विभिन्न विभागों के कार्मिकों ने आंदोलन का मन बना लिया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए विभिन्न विभागों के कार्मिकों ने आंदोलन का मन बना लिया है। 12 सूत्रीय मांग पर कार्रवाई न होने से नाराज कार्मिकों ने 16 अगस्त से प्रदेशव्यापी बेमियादी हड़ताल का एलान किया है।

शनिवार को उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच की प्रांतीय कोर कमेटी की बैठक यमुना कालोनी में हुई। जिसमें लंबित 12 मांगों पर अब तक कार्रवाई न होने से नाराजगी व्यक्त की गई। जिसे देखते हुए समन्वय मंच ने राज्य सरकार को मांगों के निस्तारण के लिए अंतिम 15 दिन का समय दिया है। यदि 15 अगस्त तक सरकार समन्वय मंच के साथ वार्ता कर सकारात्मक निर्णय लेकर शासनादेश जारी नहीं करती है तो मंच से जुड़े सभी कार्मिक 16 अगस्त को हड़ताल शुरू कर देंगे।

मुख्य संयोजक हरीश चंद्र नौटियाल व सचिव संयोजक सुनील दत्त कोठारी ने कहा कि समन्वय मंच के प्रतिनिधिमंडल की पूर्व में तत्कालीन मंत्री स्वर्गीय प्रकाश पंत की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई बिंदुओं पर सहमति बनी थी, लेकिन दुर्भाग्यवश प्रकाश पंत का निधन हो गया और सहमति के किसी भी बिंदु पर आज तक शासनादेश जारी नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि मंच लगातार मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर मांगों को लेकर अवगत करा रहा है। पूर्व में सरकार की ओर से समन्वय मंच को आश्वासन भी दिए गए, लेकिन आज तक ये आश्वासन शासनादेश में नहीं बदल सके। प्रांतीय प्रवक्ता पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि कर्मचारियों के लिए लागू स्वास्थ्य बीमा के गोल्डन कार्ड में इतनी विसंगतिया हैं कि किसी भी कार्मिक को उसका पूर्ण रूप से फायदा नहीं मिल रहा है। कार्मिक अस्पतालों में कार्ड को लेकर भटक रहे हैं, जबकि उसके वेतन से गोल्डन कार्ड के नाम पर जनवरी 2021 से ही पैसा कट रहा है।

इसी प्रकार मिनिस्टीरियल काॢमकों व वैयक्तिक सहायकों से पूर्व में 10, 16 व 26 वर्ष की सेवा पर दिए गए एसीपी के लाभ को पुन: लागू किए जाने की मांग भी प्रमुख है। पुरानी पेंशन व्यवस्था भी बहाल करने पर कोई सकारात्मक कार्रवाई राज्य सरकार नहीं कर रही है। बैठक प्रताप सिंह पवार, पंचम सिंह बिष्ट, सुभाष देवलियाल, बनवारी सिंह रावत, रमेश रमोला, संदीप कुमार मौर्य, सबर सिंह रावत, रघुवीर सिंह बिष्ट आदि शामिल थे।

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