वट सावित्री व्रत पर पहले पूजा, फिर वट का पौधा लगाएंगीं व्रती महिलाएं

राष्ट्रीय वृक्ष का दर्जा प्राप्त बरगद या वट का पेड़ जीवन चक्र की निरंतरता के प्रतीक के साथ धर्मिक महत्व भी रखता है। इसलिए इस बार 10 जून को वट सावित्री व्रत पर गृहणियों ने व्रत रखने और पूजा करने के बाद एक-एक पौधा लगाने का संकल्प लिया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 11:37 AM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 11:37 AM (IST)
वट सावित्री व्रत पर पहले पूजा, फिर वट का पौधा लगाएंगीं व्रती महिलाएं
वट सावित्री व्रत पर पहले पूजा, फिर वट का पौधा लगाएंगीं व्रती महिलाएं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। राष्ट्रीय वृक्ष का दर्जा प्राप्त बरगद या वट का पेड़ जीवन चक्र की निरंतरता के प्रतीक के साथ धर्मिक महत्व भी रखता है। हिंदू धर्म हो या फिर बौद्ध, इस वट वृक्ष को श्रद्धा और संकल्प के साथ देखा जाता है। अन्य पेड़ों के मुकाबले यह अधिक आक्सीजन देता। इसके साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर होने के चलते इसकी बड़ी महत्ता है। इसलिए इस बार 10 जून को वट सावित्री व्रत पर गृहणियों ने व्रत रखने और पूजा करने के बाद एक-एक पौधा लगाने का संकल्प लिया है। इतना ही नहीं महिलाएं अपने आसपास और रिश्तेदारों से भी पौधारोपण करने की अपील कर रही हैं। जानते हैं इस बार पूजा के साथ पर्यावरण का ख्याल रखने वाली महिलाओं का क्या कहना है।

कृष्णा जायसवाल ( निवासी डालनवाला) का कहना है कि वट सावित्री व्रत के अवसर पर गृहणियों ने लिया वट का पौधा लगाने का संकल्प वट सावित्री व्रत में वट वृक्ष के पूजन का विधान हमारे शास्त्रों में लिखा है, इससे वृक्षों के प्रति लगाव व श्रद्धा बढ़ती है। ऐसे में मैंने वृक्षों पर कुल्हाड़ी चलाने वाले को रोकने और इस बार व्रत के दिन एक पौधा लगाने का संकल्प लिया है।

अनीता जायसवाल ( निवासी लक्खीबाग) का कहना है कि वट सावित्री पर्व में वट वृक्ष की पूजा तो बहुत समय से कर रही हूं, लेकिन यह पहला मौका है, जब इसका पौधा भी लगाने जा रही हूं। धर्मशास्त्रों में भी एक वृक्ष को सौ संतान समान माना गया है। ऐसे में मैंने तो एक पौधा लगाने का संकल्प लिया है।

अमिता शर्मा ( निवासी एकता विहार) का कहना है कि कोरोनाकाल को देखते हुए इस बार घर पर वट का चित्र बनाकर ही पूजा करूंगी, क्योंकि वट की टहनी तोड़ने से भी पेड़ और पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा। अन्य महिलाओं को भी इसी तरह व्रत रखने के लिए फोन किया जा रहा है।

नैनसी (निवासी दीपनगर) का कहना है कि बरगद एक ऐसा वृक्ष है जो एकबार लग तो वर्षों तक हरा रहता है। इसकी डालियों से वायवीय जड़ें निकलती है, जो जमीन को पकड़ लेती है। विशाल वृक्ष होने के कारण इसे सहारा मिलता है और जीव-जंतुओं के लिए छाया। इसलिए एक पौधा जरूर लगाउंगी।

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