सर्विकल कैंसर के प्रति जागरूक हों महिलाएं

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में राजयकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व सामुदायिक केंद्रों में तैनात नर्सिंग आफिसरों ने महिलाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर की पहचान व उपचार संबंधी जानकारी हासिल की।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 07:54 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 07:54 PM (IST)
सर्विकल कैंसर के प्रति जागरूक हों महिलाएं
सर्विकल कैंसर के प्रति जागरूक हों महिलाएं

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में राजयकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व सामुदायिक केंद्रों में तैनात नर्सिंग आफिसरों ने महिलाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर की पहचान व उपचार संबंधी जानकारी हासिल की।

मंगलवार को एम्स में आयोजित कैंसर स्क्रीनिंग पर आधारित दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में एम्स के संकायाध्यक्ष शैक्षणिक प्रो. मनोज गुप्ता ने कहा कि महिलाओं में सर्वाधिक पाया जाने वाला सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए उनकी नियमित तौर पर स्क्रीनिंग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक राज्य सरकार प्रशिक्षित नर्सिंग आफिसरों को अस्पतालों में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं कराती, तब तक ऐसी कार्यशालाओं का कोई लाभ नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इस विषय पर गंभीरता से विचार करने और इसे धरातल पर उतारने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि राज्य के चिकित्सकों व नर्सेस को प्रशिक्षित कर दक्ष बनाना एम्स का कर्तव्य है। उन्होंने राज्य में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम व उपचार के लिए उत्तराखंड में गायनी ओंकोलाजिस्ट की तैनाती को नितांत आवश्यक बताया। जिससे इसके मरीजों का राज्य के प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ही उपचार हो सके। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड की निदेशक डा. सरोज नैथानी ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से मरीजों को राज्य सरकार के प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ही इलाज संभव हो पाता है। उन्होंने महिलाओं से अपने परिवार के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक रहने की अपील की। सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सैना ने बताया कि महिलाओं को बच्चेदानी के कैंसर की रोकथाम के लिए स्वयं जागरूक होने व दूसरों को भी जागरूक करने की जरूरत है। कार्यशाला की समन्वयक व एम्स के स्त्री रोग विभाग की कैंसर शल्य चिकित्सक डा. शालिनी राजाराम ने महिलाओं से बच्चेदानी के कैंसर की रोकथाम के लिए समय-समय पर अपना स्वास्थ परीक्षण कराने व इसके लिए उपलब्ध वैक्सीन की डोज लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि महिलाओं की जागरूकता से ही सर्विकल कैंसर का खात्मा हो सकता है। कार्यशाला में गायनी विभाग की डा. रूबी गुप्ता, डा. कविता खोईवाल, डा. लतिका चावला, सीएफएम विभाग के डा. अजीत भदौरिया, अस्पताल प्रशासन से डा. पूजा भदौरिया, कालेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य जैवियर वैल्सियाल, एएनएस कमलेश चंद्र आदि मौजूद थे।

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