सेना में महिलाओं को 'कॉम्बैट रोल' में लगेगा अभी कुछ और वक्त

महिलाओं को कॉम्बैट रोल यानि युद्धक भूमिका में आते अभी कुछ और वक्त लगेगा। ये कहना है पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह का।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 08:12 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 08:12 PM (IST)
सेना में महिलाओं को 'कॉम्बैट रोल' में लगेगा अभी कुछ और वक्त
सेना में महिलाओं को 'कॉम्बैट रोल' में लगेगा अभी कुछ और वक्त

देहरादून, जेएनएन। सेना में महिलाओं को 'कॉम्बैट रोल' यानि युद्धक भूमिका में आते अभी कुछ और वक्त लगेगा। पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह ने कहा कि यह पूरी एक प्रक्रिया है। महिलाओं को अभी उन नॉन कॉम्बैट यूनिट की कमान दी गई है, जो कॉम्बैट सपोर्ट यूनिट हैं। हमें उम्मीद है कि आने वक्त में महिलाएं भारतीय सेना में और भी ज्यादा योगदान देंगी। 

क्लेमेनटाउन में आयोजित पश्चिमी कमान के अलंकरण समारोह के बाद पत्रकारों से बात करते महिलाओं के लिए स्थाई कमीशन के फैसले का उन्होंने स्वागत किया। कहा कि सेना काफी बड़ी है। जिसमें कॉम्बैट,  कॉम्बैट सपोर्ट व सर्विसेज आदि शामिल है। चुनिंदा क्षेत्र में महिलाओं को स्थाई कमीशन दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख करते कहा कि इससे उनकी हौसला अफजाई होगी। पर यह भी माना कि उन्हें कॉम्बैट रोल में लाने का अभी सही वक्त नहीं आया है। 

चीन और पाकिस्तान की तरफ से सामरिक मोर्चे पर मिल रही चुनौती पर कहा कि यह कोई नया खतरा नहीं है। इससे निपटने की हमारी भरपूर तैयारी है। सिंगल फ्रंट हो या दोहरा मोर्चा, भारतीय सेना हर मुकाबले का मुंह तोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है। 'थिएटर कमान' की स्थापना पर कहा कि यह एक एकीकृत कमान होगी। जिसमें तीनों सेनाएं और उनके लॉजिस्टिक शामिल होंगे।

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सेना के तीनों अंगों के बीच समन्वय के लिए हाल में सीडीएस की नियुक्ति की गई है। इसी क्रम में एकीकृत कमान स्थापित होनी हैं, जिससे थल सेना, नौसेना और वायुसेना के संसाधनों का मिलजुलकर इस्तेमाल किया जा सके। इस पर विचार चल रहा है पर अंतिम रूप अभी नहीं दिया गया है। एक सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय सेना के लिए सैनिकों के परिवार पूरी अहमियत रखते हैं। वीर नारी, युद्ध में घायल सैनिक या फिर सैन्य आश्रित, इनके कल्याण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। 

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