उत्तराखंड में दो दिन से लापता है एक IAS अधिकारी, विभाग की मंत्री ने जताई अपहरण की आशंका

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में आउट सोर्सिग एजेंसी के चयन में कथित गड़बड़ी का मामला अब पुलिस की चौखट तक पहुंच गया है। विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने विभाग के निदेशक (आइएएस) वी.षणमुगम की तलाश के लिए पुलिस को तहरीर दी है।

By Edited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 08:57 PM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 10:07 AM (IST)
उत्तराखंड में दो दिन से लापता है एक IAS अधिकारी, विभाग की मंत्री ने जताई अपहरण की आशंका
मंत्री रेखा आर्य ने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विभाग के निदेशक की तलाश के लिए पुलिस को तहरीर दी है।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में आउट सोर्सिग एजेंसी के चयन में कथित गड़बड़ी का मामला अब पुलिस की चौखट तक पहुंच गया है। विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने विभाग के निदेशक (आइएएस) वी.षणमुगम की तलाश के लिए पुलिस को तहरीर दी है। संभवतया राज्य गठन के बाद ये पहला मामला है, जब किसी मंत्री ने आइएएस के खिलाफ तहरीर दी है। गौरतलब है कि प्रदेश में नौकरशाही के रवैये को लेकर मंत्री, विधायक कई बार नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भी अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं। उधर, मौजूदा ताजा मामले से विपक्ष को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है। बुधवार को होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष इस पर सरकार की घेराबंदी कर सकता है।

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने मंगलवार शाम को डीआइजी एवं एसएसपी देहरादून को भेजी तहरीर में जिक्र किया है कि अपर सचिव वी.षणमुगम महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में निदेशक पद पर कार्यरत हैं। 20 सितंबर से वह अपना फोन बंद कर गायब हैं। कई बार प्रयास करने के बाद उनसे संपर्क नहीं हो पाया है।

मंत्री ने बताया है कि जब उनके निजी सचिव ने निदेशक के निजी सचिव से संपर्क किया तो भी उनके बारे में कोई पता नहीं चल पाया है। तहरीर में मंत्री आर्य ने आशंका जताई है कि या तो किसी ने निदेशक का अपहरण कर लिया है या फिर वे स्वत: ही कहीं भूमिगत हो गए है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान में विभाग में मानव संसाधन आपूर्ति के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही थी। इसमें अनियमितता एवं धांधली होने पर निदेशक अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। तहरीर के अनुसार इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ऐसी स्थिति में निदेशक स्वयं को बचाने के लिए खुद ही भूमिगत हो गए हों।

तहरीर में मंत्री ने निदेशक की खोजबीन कर उन्हें सकुशल लाए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित करने का पुलिस से आग्रह किया गया है। साथ ही उन्हें यह अवगत कराने का अनुरोध भी किया है कि विभागीय मंत्री ने तत्काल तलब किया है। गौरतलब है कि विभाग में मानव संसाधन आपूर्ति के लिए आउट सोर्स एजेंसी के चयन की टेंडर प्रक्रिया के साथ ही चयनित फर्म को जारी कार्यादेश निरस्त करने के आदेश विभागीय मंत्री ने निदेशक को दिए थे। साथ ही पत्रावली भी तलब की थी।

रेखा आर्य (महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि‍ आउट सोर्सिग एजेंसी के चयन को निविदा की शर्ताें का पालन न होने की शिकायतें आने के बाद विभागीय निदेशक से फाइल तलब की गई थी, ताकि यदि कहीं कमी है तो चर्चा कर इसमें सुधार कर लिया जाए। 19 सितंबर से निदेशक से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा, मगर यह नहीं हो पाया है। इस बीच विधानसभा का सत्र भी आहूत हो गया है और नियम 53 में मुझे सदन में वक्तव्य भी देना है, मगर इसका जवाब भी नहीं मिल रहा। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए यह जरूरी हो गया था कि निदेशक का पता लगाया जाए कि वे आखिर हैं कहां।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत कोरोना संक्रमित, सीएम और चार मंत्रियों की रिपोर्ट नेगेटिव

chat bot
आपका साथी