लाख टके का सवाल, ऋषिकेश में कौन बनेगा पहला महापौर
देहरादून से निकटता और धार्मिक नगरी होने के कारण ऋषिकेश में महापौर पद का चुनाव खासा अहम बन गया है। महापौर पद के लिए पहला चुनाव होने के कारण मुकाबला खासा दिलचस्प शक्ल ले रहा है।
ऋषिकेश, जेएनएन। योगनगरी ऋषिकेश में पहली दफा नगर निगम के चुनाव हो रहे हैं। हाल ही में ऋषिकेश नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा दिया गया। राजधानी देहरादून से निकटता और धार्मिक नगरी होने के कारण ऋषिकेश में महापौर पद का चुनाव खासा अहम बन गया है। महापौर पद के लिए पहला चुनाव होने के कारण मुकाबला खासा दिलचस्प शक्ल ले रहा है।
निगम बनने पर हुआ विस्तार
पहले नगर पालिका ऋषिकेश में मतदाताओं की संख्या करीब 46000 थी। अब नगर निगम गठन के बाद यहां मतदाताओं की संख्या 83517 हो गई है। नगर निगम में ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े इंदिरा नगर, शिवाजी नगर, बापू ग्राम, मीरा नगर, मनसा देवी आदि क्षेत्रों को जोड़ा गया है। ग्राम पंचायत ऋषिकेश का यह हिस्सा अब पूर्ण रूप से नगर निगम में शामिल हो गया है। नगर पालिका में वार्डों की संख्या 20 थी। नगर निगम बनने के बाद यह संख्या 40 हो गई है।
मैदान में कुल चार प्रत्याशी
महिला आरक्षित ऋषिकेश नगर निगम महापौर पद के लिए कुल चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। भाजपा से अनीता ममगाईं, कांग्रेस से लक्ष्मी सजवाण, आम आदमी पार्टी से मंजू शर्मा और निर्दलीय के रूप में वीना दीप शर्मा चुनाव लड़ रही हैं।
प्रत्याशियों का सियासी तजुर्बा
राजनीतिक अनुभव की बात की जाए तो भाजपा प्रत्याशी अनीता ममगाईं और कांग्रेसी प्रत्याशी लक्ष्मी सजवाण के पास राजनीतिक अनुभव रहा है। अनीता ममगाईं महिला मोर्चा और भाजपा ऋषिकेश की मंडल अध्यक्ष रही हैं। वर्तमान में वह महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष हैं। कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मी सजवाण पूर्व में भाजपा से जिला पंचायत सदस्य रही हैं। जिला पंचायत सीट से वह लगातार दो बार चुनाव जीती हैं। उनके पति च्योति सजवाण भाजपा के जिला अध्यक्ष रहे हैं। चुनाव मैदान में उतरीं आम आदमी पार्टी की मंजू शर्मा और निर्दलीय वीना दीप शर्मा का कोई राजनीतिक तजुर्बा नहीं है। इतना जरूर है कि वीना दीप शर्मा के पति दीप शर्मा तीन बार नगर पालिका अध्यक्ष रहे हैं।
अपने दावे, अपनी बात अनीता ममगाईं का कहना है कि भाजपा संगठन में 26 वर्षों से संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रही हूं। महापौर पद के लिए मेरी दावेदारी के पीछे पति के नाम का मुखौटा नहीं है। जनादेश मिला दो पिछले 15 वर्षों से लंबित विकास को गति देने का काम करूंगी। लक्ष्मी सजवाण का कहना है कि जिला पंचायत में लगातार दो बार जनता ने मुझे प्रतिनिधित्व सौंपा। ग्रामीण क्षेत्र में मैंने कई विकास कार्य किए हैं। महापौर के रूप में सेवा करना चाहती हूं। मेरे लिए राजनीति और सत्ता नहीं, बल्कि जनता मेरी प्राथमिकता रहेगी। वीना दीप शर्मा का कहना है कि विभिन्न संस्थाओं के जरिये मैं समाज में सक्रिय रही हूं। मेरे पति पालिका के अध्यक्ष रहे हैं। उनके साथ मेरी सक्रियता बनी रही। जनहित के कुछ कार्य ऐसे हैं जिन्हें पूर्ण किया जाना अभी बाकी है।
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