बीमारी की रोकथाम को पीपीइ किट पहनकर लगा रहे ब्रुसेला का टीका

त्यूणी कोरोना वायरस की तरह पशुओं में फैल रहे बु्रसेला संक्रमण से बचाव को पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 10:29 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 10:29 PM (IST)
बीमारी की रोकथाम को पीपीइ किट पहनकर लगा रहे ब्रुसेला का टीका
बीमारी की रोकथाम को पीपीइ किट पहनकर लगा रहे ब्रुसेला का टीका

संवाद सूत्र, त्यूणी: कोरोना वायरस की तरह पशुओं में फैल रहे बु्रसेला संक्रमण से बचाव को पशुपालन विभाग ने पहले चरण के टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी है। इसके लिए टीम का गठन किया गया है, जो स्वयं की सुरक्षा के लिहाज से पीपीई किट का इस्तेमाल कर रही है। इस संक्रमण से पशुओं में बांझपन आदि की समस्या आती है, जिसके लिए चार से आठ माह की बछियों का टीकाकरण किया जा रहा है।

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) के तहत पशुपालन विभाग की ओर से देहरादून जनपद से जुड़े 29 राजकीय पशु चिकित्सालय, एक सचल पशु चिकित्सालय और 52 पशु सेवा केंद्रों में इन दिनों ब्रुसेला टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है। जौनसार-बावर के सीमांत अटाल पंचायत में त्यूणी की पशु फार्मेसिस्ट रचना चौहान के नेतृत्व में टीम टीकाकरण के लिए पीपीइ किट पहनकर पशुपालकों के घर पहुंच रही है। पहले चरण में टीम ने पद्म श्री से सम्मानित प्रगतिशील किसान प्रेमचंद शर्मा और अन्य ग्रामीणों के घरों में जाकर 14 बछियों को ब्रुसेला के टीके लगाए। वेटनरी अधिकारी रचना चौहान ने कहा कि शुरुआती चरण में अटाल पंचायत में टीकाकरण किया गया। इसके अलावा खुरपका रोग से पीड़ित 16 अन्य पशुओं का भी सफलता पूर्वक उपचार किया गया। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. एसबी पांडे ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत पशुओं में फैलने वाले संक्रमण और घातक बीमारी की रोकथाम को देहरादून जनपद के सभी पशु चिकित्सालय एवं पशु सेवा केंद्रों में ब्रुसेला टीकाकरण अभियान को कई टीमें बनाई गई। अभियान के पहले चरण में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 35 प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण किया जाना है। सीवीओ डा. एसबी पांडे ने कहा कि ब्रुसेला टीकाकरण के दौरान पशुपालन विभाग टीम को बड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है। सुरक्षा के लिहाज से टीकाकरण के समय विभाग की टीम को पीपीइ किट उपलब्ध कराई गई है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा ना रहे। पहले चरण में टीकाकरण कार्य पूरा होने के बाद दो अन्य चरणों में टीकाकरण किया जाएगा। इसके अलावा पशुपालन विभाग को डिजिटल मोड पर लाने की कार्रवाई अलग से चल रही है। इससे जनपदवार कुल पशुपालकों की संख्या और गाय, भैंस व अन्य पशुओं का पूरा ब्यौरा विभाग के पोर्टल पर आसानी से उपलब्ध होगा। पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विभाग की ओर से स्थानीय पशुपालकों की सुविधा को लाइव स्टाक पायलट प्रोजेक्ट पिछले काफी समय से संचालित हो रहा है।

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