जिलाधिकारी के इंतजार में देर रात हाईवे पर बैठी महिलाएं

चकराता सीमावर्ती बंगाण क्षेत्र की तीन पंचायतों को जेपीआरआर हाईवे से जोड़ने वाले शहीद दिनेश मार्ग की हालत सुधारने की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीण महिलाएं देर रात तक हाईवे पर बैठी रहीं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 09:39 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 09:39 PM (IST)
जिलाधिकारी के इंतजार में देर रात हाईवे पर बैठी महिलाएं
जिलाधिकारी के इंतजार में देर रात हाईवे पर बैठी महिलाएं

संवाद सूत्र, चकराता: सीमावर्ती बंगाण क्षेत्र की तीन पंचायतों को जेपीआरआर हाईवे से जोड़ने वाले शहीद दिनेश रावत मोटर मार्ग की हालत बेहद खराब है। पिछले एक दशक से बदहाल इस मार्ग की हालत सुधारने के लिए स्थानीय निवासी लगातार मांग करते आ रहे हैं, पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। आपदा प्रभावित आराकोट दौरे पर आए उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित से मिलने के लिए स्थानीय महिलाएं देर रात करीब साढ़े 11 बजे तक हाईवे पर बैठी रहीं। जिलाधिकारी के उत्तराकाशी वापसी के दौरान उन्होंने शहीद मार्ग की हालत सुधारने की मांग की।

शनिवार को जिलाधिकारी उत्तरकाशी, मयूर दीक्षित के आपदा प्रभावित आराकोट क्षेत्र के भ्रमण पर आने की सूचना से स्थानीय महिलाएं उनसे मिलने शरण के पास हाईवे पर पहुंची। जिलाधिकारी के देर रात करीब साढ़े 11 बजे वापस उत्तरकाशी लौटने तक महिलाओं ने हाईवे पर ही बैठकर इंतजार किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने ग्रामीण महिलाओं से मुलाकात कर उनकी समस्या जानी। महिला संगठन का नेतृत्व कर रही पूर्व जिला पंचायत सदस्य परमेश्वरी रावत और चमन सिंह ने जिलाधिकारी को बताया कि शहीद दिनेश मार्ग से सैकड़ों लोग रोज आवाजाही करते हैं, लेकिन मार्ग की हालत खराब होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण जनता की समस्या देख जिलाधिकारी ने मामले में शीघ्र कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इस दौरान परमेश्वरी रावत, दर्शनी, सुभद्रा, नीता, नर्वदा, चमन, मंजुल आदि मौजूद रहे।

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कटिंग के बाद लोनिवि पुरोला खंड ने नहीं ली सुध

जिम्मेदारों की अनदेखी और तंत्र की उदासीनता से कारगिल शहीद दिनेश रावत मोटर मार्ग बदहाल है। स्थानीय ग्रामीण इस मार्ग के सुधारीकरण और डामरीकरण की मांग को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो रही, जिससे ग्रामीणों में निराशा है। सीमांत त्यूणी बाजार से कुछ दूर आगे शरण के पास जेपीआरआर हाईवे से जुड़े इस मोटर मार्ग की लंबाई करीब 20 किमी है। इसका निर्माण कार्य वर्ष 2007-8 में शुरू हुआ था और वर्ष 2010-11 में सड़क कटिग कार्य पूरा हो गया। सड़क कटिग कार्य होने के बाद लोनिवि खंड पुरोला ने इस मार्ग की सुध नहीं ली। इस मार्ग से सीमावर्ती बंगाण क्षेत्र के गमरी, किरोली, पेतलासू, डेलून, लखटाड़, भूटाणु, मैंजणी, पावली, लोहासू समेत आसपास के डेढ़ दर्जन गांव और तोक-मजरे हाईवे से जुड़े है। ग्रामीणों के कई बार शिकायत करने के बाद भी विभाग मार्ग की हालत सुधारने को बजट की कमी का रोना रो रहा है।

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नकदी फसलों को पहुंचाने में होती है समस्या

सीमांत क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग नगदी फसलें, सेब और अन्य पर्वतीय फलों का उत्पादन करते हैं। शहीद दिनेश मार्ग से जुड़े तीन पंचायत के सैकड़ों किसान एवं बागवान सीजन में प्रतिवर्ष डेढ़ से दो लाख सेब की पेटी लोडर वाहन से मंडी पहुंचाते हैं। मार्ग की बदहाली के कारण यहां सेब सीजन में लोडर वाहन नहीं चल पा रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण बागवानों को बगीचे से सेब पेटी का ढुलान खच्चरों के जरिये हाईवे तक करना पड़ता है। इसमें ग्रामीणों को खच्चर और गाड़ी ढुलान का डबल भाड़ा चुकाना पड़ रहा है। मार्ग पर जगह-जगह गहरे गड्ढे पड़े हैं। बरसात में कई जगह भूस्खलन होने से मार्ग की हालत बद से बदतर हो गई। इसके चलते यहां 20 किमी का सफर तय करने में चार घंटे लग जाते हैं।

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